ब्लैक फंगस मरीजों को दवा मिलने में हो रही है लापरवाही
अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस पीड़ित मरीजों की जान पर बन आई है। भर्ती मरीजों को समय पर दवा का समुचित डोज नहीं मिलने से उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ गया है तो दूसरी ओर सिर्फ दवा के इंतजार में उन्हें अस्पताल में भर्ती रहना पड़ रहा है।
आईजीआईएमएस और एम्स में बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की है जिनका ऑपरेशन हो चुका है और वे सिर्फ दवा के लिए ही वार्ड में पड़े हुए हैं। मरीजों को दी जानेवाली एंफोटेरिसिन बी की जरूरी मात्रा में आपूर्ति नहीं होने से भर्ती मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है।
दवा की कमी के कारण एम्स और आईजीआईएमएस में भर्ती कई मरीज अब गंभीर हो रहे हैं। वहीं पीएमसीएच के कई मरीज दवा नहीं मिलने के कारण अस्पताल छोड़ने लगे हैं।
एम्स में ईएनटी की प्रभारी डॉ. भावना क्रांति और ब्लैक फंगस वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि दवा की कमी के कारण कई मरीजों को समय पर डोज नहीं मिल पा रहा है। 14 दिनों तक प्रतिदिन छह वॉयल का डोज एक मरीज को देना होता है।
लेकिन दवा की कमी के कारण इन मरीजों को एंफोटेरिसिन बी की बजाय कई बार पोसाकोनाजोल अथवा कई बार एंफोटेरिसिन की ही दूसरी कॉम्बिनेशन की दवा देनी पड़ रही है। डोज बाधित होने के कारण 14 दिन की बजाय कई मरीज 20 से 22 दिन तक वार्ड में भर्ती रह रहे हैं।
वहीं आईजीआईएमएस में दवा की कमी के कारण वार्ड का माहौल भी बिगड़ रहा है। मरीज अब डॉक्टरों पर ही दवा देने में भेदभाव का आरोप लगाने लगे हैं। वहीं कई मरीजों के परिजन डॉक्टरों के साथ बहस पर उतारू हो जा रहे हैं।