कोरोना मरीज के 500 रुपये चुराने के लिए मौत के घाट उतारा

चेन्नई के राजीव गांधी जनरल अस्पताल में बीते हफ्ते एक कोरोना पीड़ित महिला का शव मिला था। डॉक्टरों के मुताबिक, यह शव करीब 15 दिनों से अस्पताल के आठवीं मंजिल पर पड़ा था। पुलिस ने अब इस मामले में अस्पताल में ही काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को गिरफ्तार किया है।

कोरोना मरीज का शव बीती 8 जून को मिला था। पुलिस ने बताया है कि कॉन्ट्रैक्ट वर्कर पिछले 3 साल से अस्पताल में काम कर रही थी और उसने पैसों के लिए कोरोना मरीज की गला घोंट कर हत्या कर दी।

सांस में तकलीफ के कारण 41 वर्षीय सुनीता को राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में 22 मई को भर्ती कराया गया था। जानकारी के मुताबिक, मरीज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी हत्या की पुष्टि हो गई है और आरोपी महिला कर्मी ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपी ने बताया कि उसने पैसों और मोबाइल फोन के लिए पीड़िता की हत्या कर दी।

पुलिस अस्पताल में अन्य लोगों से पूछताछ कर आरोपी रति देवी तक पहुंची। रति देवी के पास से मृतिका का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस को अस्पताल के अन्य स्टाफ सदस्यों ने बताया कि आखिरी बार रति देवी ही व्हीलचेयर पर सुनीता को ले जाती दिखी थी। सुनीता 23 मई से ही लापता थी।

आगे की पूछताछ में पता लगा कि आरोपी रति देवी एक विधवा हैं, जो अपने 22 साल के बेटे और एक बेटी के साथ रहती हैं। उसने सुनीता की हत्या भी इसलिए की क्योंकि उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। रति देवी ने पुलिस को बताया कि उसने सुनीता के बैग में 500 रुपये का नोट देखा और उसे चुराने का फैसला किया।

इसलिए वह सुनीता को व्हीलचेयर पर स्कैन के बहाने ले गई। वह इमरजेंसी लिफ्ट में सुनीता को आठवीं मंजिल पर ले गई और फिर वहां गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

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