विश्वविद्यालय शैक्षिक कार्य के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से जुडें : राज्यपाल

लखनऊ। 7 जून, 2021, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर तथा डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविघिक विश्वविद्यालय लखनऊ की समीक्षा बैठक कर नई शिक्षा नीति, विश्वविद्यालयों में अकादमिक सत्र शुरू किये जाने उपाधियों का समयबद्ध वितरण, शैक्षणिक पदों पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ भर्ती, आडिट आपत्तियों, समयबद्ध निस्तारण, निर्माण कार्यों, महिला सशक्तीकरण क्रिया-कलापों तथा विश्वविद्यालयों में टीकाकरण आदि विषयों पर आज राजभवन से आॅनलाइन विस्तृत विचार विमर्श किया। आनलाइन बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता विशेष कार्याधिकारी, शिक्षा डा0 पंकज जानी कुलपतिगण एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शैक्षिक सत्र पर चर्चा करते हुये सत्र 2020-21 में चरणबद्ध तरीके से शासन के निर्देशानुसार परीक्षा करानें अथवा अगले वर्ष प्रमोशन देने के निर्देश दिये उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आगामी शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिये समय सारणी बनाकर शैक्षिक गतिविधियां चलायें साथ ही नयी शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु यथाशीघ्र अपने सुझाव प्रेेषित करें ताकि उस पर सार्थक विचार किया जा सके।

राज्यपाल ने रिक्त शैक्षणिक पदो पर भर्ती हेतु नई एक समान चयन प्रक्रिया के अनुरूप पूर्ण पारदर्शिता के साथ कार्य करने के निर्देश दिये और कहा कि यदि जरूरी हो तो पद पुनः विज्ञापित किये जायें।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने वित्तीय अभिलेखों को नियमानुसार रखे तथा ऑडिट आपत्तियों का समयबद्ध निस्तारण करें उन्होंने निर्देश दिये कि हमेशा अपनी कैश बुक तथा बैलेंस सीट अपडेट रखें। उन्होंने विश्वविद्यालय में हो रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुये चरणबद्ध तरीके से यथाशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिये।

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के उपरान्त समस्त डिग्री छात्र-छात्राओं को तत्काल उपलब्ध करा दी जायें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उपाधियां सम्बद्ध महाविद्यालय को तो दे देते हैं किन्तु उनके द्वारा समय से वितरण कार्य सम्पन्न नहीं किया जाता है अतः उचित होगा कि इस कार्य हेतु डिजिटल लाकर तैयार किया जायें जिसमे छात्रों की समस्त सूचनायें दर्ज हो।

राज्यपाल ने महिला सशक्तीकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्थाापित महिला अध्ययन केन्द्र महिला सशक्तीकरण, स्वावलम्बन, स्वास्थ्य, शिक्षा संस्कार पोषण आदि के साथ-साथ समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा लिंग भेद, बाल-विवाह आदि के प्रति भी जागरूकता कार्यक्रम चलायें ताकि इन्हे समाप्त किया जा सके।

उन्होंने कहा कि अभी हुये पंचायती चुनाव में बड़ी संख्या में महिला प्रधान चुनकर आयी है उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिये तथा हिचक समाप्त करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलायें साथ ही उन्हें सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दें ताकि वे अपनी ग्राम सभा में योजनाओं को लागू करने तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने के साथ-साथ उसे कुपोषण व क्षयरोग मुक्त ग्राम सभा बना सकें। उन्हे इस कार्य हेतु ग्राम सभा के स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों प्रतिष्ठित नागरिकों का सहयोग लेने हेतु प्रेरित करें।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय मात्र शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान बनकर नही रहे। वे सामाजिक सरोकारों में भी अपना सक्रिय योगदान दें। महिलाओं एवं छात्राओं को सरकारी कार्यालय महिला चिकित्सालयों, नारी निकेतनों आदि का भ्रमण भी करायें ताकि वे भावी जीवन में होने वाली समस्याओं से भिज्ञ होकर उनका सफलता पूर्वक निराकरण कर सकें।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगिण विकास अन्य गतिविधियों का भी संचालन करें।

21 जून को योग दिवस का आयोजन करें। प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जाने वाले वृहद वृक्षारोपण महाभियान में तैयारी कर विश्वविद्यालय उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों का सहयोग लेकर 1-1 लाख पीपल के पौधों का वृक्षारोपण करें। विश्वविद्यालय में होने वाले नवाचार से अन्य विश्वविद्यालय को भी अवगत कराने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के सहायतार्थ शिक्षण, खेलकूद एवं पोषण सामाग्री उपलब्ध करायें, क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लें, बीच में शिक्षा छोड़ने वाले बच्चों को विद्यालय जाने हेतु प्रेरित करें।

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