रेप केस में बरी हुए तरुण तेजपाल के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी गोवा सरकार

नई दिल्ली: गोवा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह 2013 के यौन उत्पीड़न मामले में तरुण तेजपाल को बरी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। गोवा के एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को तहलका के पूर्व प्रधान संपादक को बरी कर दिया, जिस पर पत्रिका द्वारा आयोजित थिंकफेस्ट कार्यक्रम के दौरान 2013 में गोवा में एक लक्जरी होटल के लिफ्ट के अंदर एक पूर्व महिला सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाया गया था।
इससे पहले, अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था और फिर 19 मई को इसे 21 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। गोवा पुलिस ने नवम्बर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर हैं। इस मामले में गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।
तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले में उन पर आरोप निर्धारित किये जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें इसमे सफलता नहीं मिली थी। तेजपाल के वकील सुहास वेलिप ने अदालत के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों से कहा, “यह सभी के लिए एक जीत है। विशेष रूप से एडव राजीव गोम्स, उनके सहयोगियों और तरुण तेजपाल के लिए। यह मेरे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गोम्स की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण भी विशेष है। उन्हें सभी वर्गों से बरी कर दिया गया है।“ तेजपाल के वकील राजीव गोम्स का पिछले सप्ताह कोविड-19 के कारण निधन हो गया था।