धार्मिक आजादी को लेकर चीन पर बिफरे अमरीकी विदेश मंत्री

नई  दिल्ली: बाइडन प्रशासन ने बुधवार को चीन समेत कई देशों को निशाने पर ले लिया जहां धार्मिक आजादी नहीं है। दरअसल अमेरिकी विदेश नीति के तहत मानवाधिकार को बहाल करने को प्राथमिकता दी जा रही है।  चीन धार्मिक आजादी अमेरिका विदेश  नीति इससे पहले ट्रंप प्रशासन में विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने भी चीन का उइगर मुसलमानों के प्रति बर्ताव को धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। इसके लिए ट्रंप प्रशासन की निंदा भी की गई थी कि अन्य अधिकारो की तुलना में वे धार्मिक स्वतंत्रता को अधिक प्राथमिकता दे रहे।

पोंपियो की ही तरह अब विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर विदेश विभाग के वार्षिक रिपोर्ट के जरिए चीन पर हमला बोला है जहां धार्मिक आजादी होने के बजाए लोगों को अनेकों प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पूर्व वरिष्ठ चीनी अधिकारी पर भी ट्रैवल बैन लगा दिया। इस अधिकारी पर अमेरिका ने फालुन गोंग (Falun Gong) के अनुयायियों के शोषण का आरोप लगाया है।  वार्षिक रिपोर्ट का अनावरण करते हुए ब्लिंकन ने बताया, ‘चीन धार्मिक अभिव्यक्ति पर तो पाबंदी लगाता ही है साथ ही मुस्लिम उइगरों के नरसंहार व मानवता के खिलाफ अपराध भी करता है।’ रिपोर्ट में इस बता का जिक्र है कि चीन में ईसाई, मुस्लिम, तिब्बती बौद्धों व फाल्गुन गोंग के अनुयायियों के हालात चिंताजनक हैं। उन्हें रोजगार, आवास समेत सभी तरह के सामाजिक रहन सहन में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। चीन के अलावा ब्लिंकन ने ईरान, म्यांमार, रूस के साथ नाइजीरिया और सऊदी अरब को  भी धार्मिक आजादी को लेकर आड़े हाथों लिया।

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