देश में सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश

'पीएम केयर्स' के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की मिली स्वीकृति

कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

– लखनऊ । कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी प्रदेशवासियों के जीवन और जीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। संक्रमण दर लगातार कम होता जा रहा है जबकि रिकवरी दर हर दिन बेहतर हो रही है।

विगत 24 घंटों में प्रदेश में 18,125 नए कोविड केस की पुष्टि हुई है, जबकि इसी अवधि में 26,712 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 2,06,615 एक्टिव केस हैं, जो प्रदेश में संक्रमण के पीक 3.10 लाख से लगभग 1 लाख 04हजार कम हैं। 30 अप्रैल से 11 मई के 11 दिनों में संक्रमण में आई यह कमी संतोषप्रद है। अब तक 13 लाख 40 हजार 251 प्रदेशवासियों ने कोविड को हराकर आरोग्यता प्राप्त की है।

देश में सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। अब तक 04 करोड़ 51 लाख टेस्ट किए गए हैं।

वर्तमान में 1,52,725 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। इनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए।

45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रदेश का एक भी नागरिक कोविड टीका-कवर से वंचित न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किया जाना आवश्यक है।

निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा प्रदान करना सुविधाजनक होगा।

‘पीएम केयर्स’ के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की स्वीकृति मिल गई है।

मृतकों के परिजनों के प्रति प्रदेश सरकार की संवेदनाएं हैं। अंत्येष्टि की क्रिया मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ससम्मान किया जाए। इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद किया जाए, लोगों को जागरूक करने की आवश्यक्ता है।

प्रदेश में मांग के सापेक्ष ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। बीते 24 घंटों में 1014.53 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है।

ऑक्सीजन की मांग आपूर्ति और खर्च में संतुलन बनाने के लिए कराए जा रहे ऑक्सीजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं।

एक सप्ताह पूर्व तक मेडिकल कॉलेजों में 300-350 मीट्रिक टन की मांग होती थी, सब वह खत कर 250-300 एमटी तक हो गई है।

ऑक्सीजन वेस्टेज रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। बीते कुछ दिनों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में मांग बढ़ी है। इस संबंध में एसीएस होम के स्तर से आवश्यक कार्यवाही की जाए।

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