उत्तर प्रदेश में रेमडेसिविर जैसी दवाओं की कालाबाजारी पर NSA लगेगा

लखनऊ : कोरोना के बढ़ते मामलों और बदइंतजामी के आरोपों के बीच योगी सरकार ने सख्‍त रुख अपना लिया है। सीएम योगी ने बुधवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम -11 के अधिकारियों को कई निर्देश दिए। इनमें रेमडेसिविर जैसी दवाओं की कालाबाजारी पर एनएसए और गैंगेस्‍टर एक्‍ट के तहत कार्रवाई करने के साथ ही अस्‍पतालों के लिए रोज अपने बेडों की जानकारी सार्वजनिक करने जैसे कई आदेश उन्‍होंने दिए।

सीएम ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि इसकी लगातार निगरानी की जाए। ऐसी दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए। रेमेडेसीवीर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क में रहें। कल तक प्रदेश को 10,000 वॉयल और प्राप्त हो जाएंगी। सीएम ने प्रतिदिन 50,000 वॉयल रेमेडेसीवीर की आपूर्ति के हिसाब से डिमांड भेजने का निर्देश दिया।

सीएम ने कहा कि अस्पतालों में खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए। इससे मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत होगी। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इस कार्य मे अत्यंत उपयोगी है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्‍होंने कहा कि यह सुखद है कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से भी अधिक मरीज कोविड संक्रमण से ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें। उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं हों अथवा जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, किसी भी चीज का अभाव नहीं है। कोविड के लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करें।

वर्तमान परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है। हमें लोगों के जीवन और जीविका दोनों की ही चिंता है। परिस्थितियों का आंकलन करते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। कोरोना कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी जैसे प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए। मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी जैसे कोविड विहेवियर को पूरी ईमानदारी के साथ अमल में लाया जाए। लापरवाह लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।

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