ममता बनर्जी को मिली चुनाव आयोग द्वारा एक और नोटिस
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सियासी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और नोटिस जारी किया है। केंद्रीय बलों को लेकर उनकी टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है और कल 11 बजे तक अपने बयान को स्पष्ट करने को कहा है। चुनाव आयोग ने 28 मार्च और 7 मार्च को केंद्रीय बलों के खिलाफ टिप्पणी को लेकर 10 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने वोटरों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा था कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान गांवों में लोगों को डराने-धमकाने पहुंच सकते हैं। इससे पहले टीएमसी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय सुरक्षाबल बंगाल में उनके वोटरों को पोलिंग बूथ पर जाने से रोक रहे हैं।
ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर सीआरपीएफ के जवान राज्य में मतदाताओं को परेशान कर रहे हैं। ममता ने कूच बिहार जिले में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय बल के कर्मियों पर मौजूदा विधानसभा चुनावों के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने और लोगों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘वे मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया है।’ ममता ने कहा कि प्रशासन चुनाव आयोग चला रहा है। कृपया गौर करें कि मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी की मौत नहीं हो। मेरा आपसे अनुरोध है कि उन सीआरपीएफ कर्मियों पर नजर रखें जो राज्य में अभी ड्यूटी पर हैं। उन्हें महिलाओं को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे मामले भी हैं जिनमें केंद्रीय बल के कर्मचारियों द्वारा लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की गयी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और चुनाव आयोग चाहे तो उन्हें दस कारण बताओ नोटिस भेज दे, , लेकिन इनसे वह अपना रुख नहीं बदलेंगी। बनर्जी ने कहा, ‘आप (चुनाव आयोग) चाहें तो मुझे दस कारण बताओ नोटिस भेज सकते हैं, लेकिन मेरा जवाब एक ही होगा। मैं हमेशा हिंदू, मुस्लिम वोटों के विभाजन के खिलाफ बोलती रहूंगी। मैं धार्मिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के खिलाफ खड़ी रहूंगी।’