अमेरिका-चीन में मीटिंग के दौरान फिर हुई तनातनी

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों की आमने-सामने हुई पहली बैठक में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति और दुनिया को लेकर बिल्कुल विरोधाभासी विचार रखे। अलास्का में दो दिन तक चलने वाली इस वार्ता के प्रारंभ में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जियेची ने एक दूसरे के देश की नीतियों पर निशाना साधा।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि किसी गंभीर राजनयिक वार्ता के लिए यह असामान्य बात है। इस बैठक में दोनों पक्षों के तल्ख मिजाज से लगता है कि व्यक्तिगत वार्ता और भी हंगामेदार हो सकती है। एंकरेज में हो रही यह बैठक दोनों देशों के बीच तनावग्रस्त होते रिश्तों के लिए नयी परीक्षा की तरह है।  दोनों देशों में तिब्बत, हांगकांग और चीन के पश्चिमी शिनझियांग क्षेत्र में व्यापार से लेकर मानवाधिकारों तक अनेक मुद्दों पर मतभेद हैं। उनके बीच ताइवान, दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभुत्व और कोरोना वायरस महामारी को लेकर भी विवाद हैं।

ब्लिंकन ने कहा कि बाइडन प्रशासन चीन के अधिपत्य जमाने की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ सहयोगी देशों के साथ एकजुट है। इस पर यांग ने अमेरिका के बारे में चीन की शिकायतों की फेहरिस्त जारी कर दी और वाशिंगटन पर मानवाधिकारों तथा अन्य मुद्दों पर बीजिंग की आलोचना करने के लिए आडंबर करने का आरोप लगाया।

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