राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 का परिणाम जारी करने का मामला फिर से कोर्ट में लटक सकता है। राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 के 5438 पदों पर नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार और निजी पक्षकारों ने अपील दायर कर हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है।
हाईकोर्ट ने 24 फरवरी को जहीर अहमद की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जिलेवार रिजल्ट की बजाय राज्य स्तरीय मेरिट के अनुसार परीक्षा परिणाम जारी करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने जिलावार मेरिट बनाने को संवैधानिक प्रावधानों के अलावा राजस्थान पुलिस एक्ट-2009 व राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 का भी उल्लंघन माना था।
साथ ही डीजीपी को भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की राज्यवार मेरिट लिस्ट बनाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने चयन प्रक्रिया 3 माह में पूरी कर योग्य अभ्यर्थियों को मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने के आदेश भी दिए थे।
हाईकोर्ट ने जहीर अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 8 जनवरी को लिखित परीक्षा का जिलेवार परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। बाद में बहस पूरी होने पर 10 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पुलिस मुख्यालय जनवरी माह में कांस्टेबल भर्ती का परिणाम जारी करने वाला था। 6, 7 व 8 नवंबर को हुई इस भर्ती परीक्षा में करीब 13 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा की फाइनल आंसर-की जारी कर दी गई थी।
याचिका में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की जिलेवार मेरिट जारी करने की प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। याचिका में तर्क था कि जब सभी जिलों में एक भर्ती विज्ञापन से भर्तियां हो रही हैं तो प्रदेश स्तर पर भी एक ही परिणाम निकाल कर एक ही कटऑफ जारी करनी चाहिए।
हर जिले में अलग-अलग नतीजे जारी करने से अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव होगा। याचिका में मांग की गई है कि पूरे राजस्थान की एक ही मेरिट लिस्ट जारी की जाए।
याचिकाकर्ता जहीर अहमद के वकील अजाज नबी ने बताया कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 के नियम संख्या 25 में प्रावधान है कि सूबे में पुलिस भर्ती में एक ही संयुक्त मेरिट बनेगी। डीजीपी राजस्थान ने इसका स्थायी आदेश भी जारी किया था।
राजस्थान पुलिस भर्ती में संयुक्त मेरिट बनाने का प्रावधान था। लेकिन फिलहाल राजस्थान पुलिस मुख्यालय जिलेवार मेरिट बनाते हैं। नियमों से परे इसमें जिलेवार मेरिट का आधार सिर्फ प्रचलित माना गया है।
उन्होने बताया कि साल 2013 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती में 49.50 प्रतिशत, सीकर जिले की 74 प्रतिशत और दौसा जिले की 71 प्रतिशत मेरिट के आधार पर चयन हुआ। यह भर्ती संविधान और राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों के खिलाफ थी।