हरिद्वार कुम्भ में एक दिन में 10 लाख श्रद्धालु ही कर पाएंगे स्नान

देहरादून : राज्य कैबिनेट ने हरिद्वार कुंभ में यात्रियों को अस्थायी रूप से ठहराने के लिए टैंट न लगाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने कुंभ अवधि भी एक से 30 अप्रैल के बीच ही रखने पर मुहर लगा दी है। गैरसैंण में आयोजित कैबिनेट बैठक में शहरी विकास विभाग की ओर से कुंभ आयोजन के लिए अब तक की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई। विभाग की ओर से बताया गया कि केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश के अनुसार हरिद्वार कुंभ क्षेत्र के 18 किमी लंबे घाटों पर एक दिन में कुल 10 लाख अस्सी हजार श्रद्धालु ही स्नान कर पा रहे हैं।

जबकि कुंभ क्षेत्र में उपलब्ध आवासीय व्यवस्था के अनुसार करीब साढ़े पांच लाख लोग रात्रि विश्राम कर सकते हैं। विभाग ने बताया कि इस बार के कुंभ में अब तक सम्पन्न स्नान में यात्रियों ने स्नान के बाद वापस लौटने को ही प्राथमिकता दी है। इसलिए अब अस्थायी आवास के लिए टैंट लगाए जाने की जरूरत नहीं है। अलबत्ता शाही स्नान के दिन भीड़ बढ़ने पर मेला प्रशासन के द्वारा 1500 यात्री क्षमता के रैन बसेरे और पीपीपी मोड पर 18 हजार क्षमता के रात्रि शैल्टर बनाए जा रहे हैं। कैबिनेट ने विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक कुंभ मेला अवधि एक से 30 अप्रैल के बीच ही रखने पर सहमति जता दी है।

छह फीट की दूरी पर बनाए जाएंगे चिन्ह
केंद्र सरकार ने कुंभ मेला में स्नान के दौरान भी लोगों के बीच छह फीट की दूरी बनाए रखने को कहा है। इसके लिए मेला प्रशासन घाटों पर भी छह छह फीट की दूरी पर चिन्ह तैयार करेगा। हालांकि विभाग ने शाही स्नान के दिन इस मानक का पालन किए जाने में कठिनाई पेश आने की बात स्वीकार की है। इसलिए स्नान के लिए अस्थायी घाट भी तैयार किए जा रहे हैं।
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