एनिमिया का प्रसार शून्य करने के लिए सरकार का कारगर कदम
बिहार सरकार ने आज कहा कि गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्याओं को नकारा नहीं जा सकता लेकिन इसके प्रसार को शून्य करने के लिए कई कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा के अलप सूचित सवाल के जवाब में कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सवेर् (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 58 प्रतिशत है।
गर्भवती महिलाओं में इसके प्रसार को शून्य करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गर्भवती एवं धात्री माताओं को प्रसव से छह माह पूर्व 180 आयरन फॉलिक एसिड की गोली तथा प्रसव के बाद यही गोली 18० दिन तक दी जाती है।
श्री पांडे ने कहा कि गंभीर एनिमिया से ग्रस्त महिलाओं का इलाज आयरन शुक्रोज तथा ब्लड ट्रांसफ्यूजन के माध्यम से प्रत्येक जिलों में किया जाता है। आयरन फॉलिक एसिड की गोली का आभाव नहीं है। वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक 74 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को आयरन फॉलिक एसिड की गोली दी जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रोफ़ेसर रामचंद्र पूवेर् के अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार गरीबों को सस्ती दवाई मिले इसके लिए जन औषधि केंद्रों की स्थापना की है। केंद्र सरकार के उपक्रम ब्यूरो ऑफ फरमा पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग (बीपीपीआई) के माध्यम से इन केंद्र में दवाओं की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत निजी व्यक्तियों को दुकान खोलने के लिए अनुज्ञप्ति दी जाती है।
श्री पांडे ने कहा कि राज्य में कुल 213 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, जिनमें से 54 केंद्र सरकारी अस्पतालों में खोले गए हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त में दवाइयों का वितरण करने के लिए संबंधित सिविल सर्जन से प्राप्त अधियाचनाओं के आधार पर बीएमएसआईसीएल द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
स्वास्थय मंत्री ने राजद के ही प्रोफ़ेसर रामबली सिंह के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में वर्ष 2020 में जुलाई से सितंबर तक कुल 929 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी एवं 3186 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति कर विभिन्न स्वास्थ संस्थानों में पदस्थापित किया गया है।
वर्तमान विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के 3706 एवं सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के 2632 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि इन रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार तकनीकी सेवा आयोग भेजी जा चुकी है।