टाई न पहनने पर न्यूजीलैंड की संसद से जनजाति नेता को किया गया बाहर

नई दिल्ली: न्यूजीलैंड की संसद से एक नेता को सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने नेकटाई नहीं पहनी थी। दरअसल माओरी जनजाति के नेता ने यह कहते हुए नेकटाई पहनने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि ऐसा करना उनके अधिकारों का हनन होगा और स्वदेशी एवं संस्कृति को दबाने जैसा होगा। मंगलवार को सदन में स्पीकर ट्रेवोर मल्लार्ड ने दो बार राविरी वैटिटी को सवाल पूछने से रोका था। उनका कहना था कि वही सांसद सवाल पूछ सकता है, जिसने नेक टाई पहन रखी हो। इसके बाद भी जब वैटिटी लगातार सवाल पूछने की जिद पर अड़े रहे तो स्पीकर मल्लार्ड ने उन्हें बाहर निकलने का आदेश दिया।

इस पर चेंबर छोड़ते हुए माओरी जनजाति के लीडर ने कहा कि यह मामला सिर्फ टाई का नहीं है बल्कि सांस्कृतिक पहचान का मसला है। न्यूजीलैंड की संसद को दुनिया की समावेशी संसदों में से एक माना जाता है। देश की संसद में कुल 120 सीटें हैं, जिनमें से आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। संसद में 11 पर्सेंट आरक्षण LGBTQI के लिए तय किया गया है, जबकि 21 पर्सेंट सीटें माओरी जनजाति के प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित हैं। बीते साल अक्टूबर में आम चुनाव के बाद देश की संसद में पहली बार अफ्रीकी मूल और श्रीलंकाई मूल के प्रतिनिधियों की एंट्री हुई है।

वैटिटी को बीते साल ही यह चेतावनी दी गई थी कि यदि वह संसद में नेकटाई पहनकर नहीं आए तो उन्हें बाहर किया जा सकता है। वैटिटी का कहना था कि नेकटाई उपनिवेशवाद की पहचान है और यह पश्चिमी संस्कृति को थोपने जैसा है। मल्लार्ड ने कहा था कि मेरा भी मत है कि टाई अब गुजरे जमाने की बात है, लेकिन तमाम सदस्यों का कहना है कि अभी इसे बना रहना चाहिए। इस बारे में न्यूजीलैंड हेराल्ड में एक लेख के जरिए अपना पक्ष रखते हुए माओरी लीडर ने कहा कि यह माओरी जनजाति के अधिकार की बात है। भले ही यह अधिकार पब में लेने की बात हो या फिर संसद में अधिकार की बात हो।

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