मुंबई में आज हजारों किसानों का कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन

मुंबई : कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन की धमक अब पूरे देश में फैलती जा रही है। दिल्ली के बाद अब महाराष्ट्र में किसानों का बड़ा जत्था हल्लाबोलने को तैयार है। महाराष्ट्र के किसान इन कानूनों के विरोध में खुलकर आ चुके हैं और आज मुंबई के आजाद मैदान में बड़ी रैली होने वाली है।  यहां सबसे खास बात है कि किसानों के इस रैली को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का साथ मिल गया है। एनसीपी नेता शरद पवार और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे भी रैली में पहुंचेंगे और इसे संबोधित करेंगे।

दरअसल, केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आज यानी सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में एक रैली है। इस रैली में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में किसान मुंबई पहुंच चुके हैं। किसानों की इस रैली को शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस के साथ-साथ लेफ्ट पार्टियां औरर आम आदमी पार्टी ने भी अपना समर्थन दिया है।  एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बाला साहेब थोराट भी आज आजाद मैदान पहुंचेंगे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसान रैली के मद्देनजर पुलिस ने दक्षिण मुंबई स्थित आजाद मैदान और उसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा की विशेष तैयारी की है और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के जवानों की तैनाती की गई है, इसके साथ ही ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।

ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) की महाराष्ट्र शाखा ने एक बयान जारी कर दावा किया कि नासिक से करीब 15 हजार किसान शनिवार को टैम्पो और अन्य वाहनों से मुंबई के लिए रवाना हुए हैं। बयान के मुताबिक सोमवार को होने वाली रैली को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के कुछ प्रमुख नेता संबोधित करेंगे। राज्य सरकार में सहयोगी कांग्रेस की राज्य इकाई पहले ही इस रैली का समर्थन कर चुकी है।

एआईकेएस ने कहा कि विभिन्न इलाकों से किसान नासिक में जमा हुए और शनिवार को मुंबई के लिए रवाना हुए, यात्रा के दौरान रास्ते में और किसान जुड़े। बयान के मुताबिक मुंबई के लिए कूच करने वाले किसानों ने रात्रि विश्राम के लिए इगतपुरी के पास घाटनदेवी में पडा़व डाला था। बयान के मुताबिक रविवार सुबह किसान कसारा घाट के रास्ते मुंबई के लिए रवाना हुए। कसारा घाट तक निकाले गए सात किलोमीटर लंबे मार्च में कई महिला किसान भी शामिल हुईं। यह मार्च सुबह नौ बजे शुरू हुआ और समापन पूर्वाह्न 11:30 बजे हुआ, बाद में किसान वाहनों के जरिये आगे की यात्रा पर निकल गए।

कसारा घाट मार्च का नेतृत्व एआईकेएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले और राज्य इकाई के प्रमुख किसन गुज्जर एवं महासचिव अजित नवाले ने किया। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) से जुड़े इगतपुरी और शाहपुर तहसील के फैक्टरी कामगारों ने इन किसानों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। कल्याण-भिवंडी क्रासिंग पर भी किसानों का स्वागत किया गया और खाने के पैकेट वितरित किए गए। किसान मुलुंद जांच चौकी के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए। यह ठाणे की ओर से मुंबई में प्रवेश करने का रास्ता है। विक्रोली के कन्नमवार नगर में वाम दलों से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इसके बाद किसान आजाद मैदान की ओर बढ़ गए जहां पर वे संयुक्त शेतकार कामगार मोर्चा (एसएसकेएम) के बैनर तले आयोजित धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे जो गणतंत्र दिवस तक जारी रहेगा।  बयान में कहा गया, ”यह रैली दिल्ली में कृषि कानूनों को वापस लेने,न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और पूरे देश में फसलों की खरीद की मांग को लेकर दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में की जा रही है।’

उल्लेखनीय है कि किसान समर्थक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने 23 जनवरी से 26 जनवरी तक राज्यों में राजभवन के समक्ष सहित पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। इसी के तहत महाराष्ट्र के करीब 100 संगठनों ने 12 जनवरी को मुंबई में हुई बैठक में संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा का गठन किया। बयान के मुताबिक 25 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे आजाद मैदान में रैली शुरू होगी और शरद पवार के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे भी रैली को संबोधित करेंगे।

इसके बाद प्रदर्शनकारी राजभवन की ओर मार्च करेंगे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौपेंगे।  बयान के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने 26 जनवरी के मौके पर आजाद मैदान में ही तिरंगा फहराने और किसानों और कामगारों के संघर्ष को सफल बनाने की शपथ लेने का फैसला किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रैली के मद्देनजर इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि आजाद मैदान में एसआरपीएफ के जवानों की तैनाती के साथ ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी। उन्होंने बताया कि रैली स्थल पर 100 अधिकारियों और 500 कांस्टेबल की अतिरिक्त तैनाती की गई है।

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