अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी की सामने आई यह वजह

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में क्यों देरी हो रही है, इसकी वजह सामने आ गई है। अयोध्या में सरयू नदी के करीब राम मंदिर निर्माण स्थल के नीचे पानी की मौजूदगी के कारण मंदिर की नींव के डिजाइन को अंतिम रूप देने में देरी हो रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस बात की जानकारी दी।  हालांकि,  श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने विश्वास जताया कि जल्द ही मंदिर की बुनियाद के डिजाइन के काम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और जल्द ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। यहां बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए देशभर में अभियान चलाया जा रहा है।

लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के इंजीनियरों और विशेषज्ञों के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक के बाद राय ने यह टिप्पणी की। उनके साथ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि भी इस दौरान मौजूद थे। राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने बैठक की अध्यक्षता की। गिरि ने कहा कि ट्रस्ट समाधान निकालने और समस्या पर चर्चा के लिए शुक्रवार को भी बैठक करेगा।

39 महीने में पूरा होगा निर्माण कार्य

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय राम मंदिर डिजाइन को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि जितनी प्रमाणिकता के साथ वैज्ञानिकों ने अपना काम किया है, उसके कारण पूरी दुनिया भारत के इंजीनियरिंग ब्रेन को स्वीकार करेगी। वह कहते हैं कि मंदिर निर्माण शुरु करने से पहले भूमिगत परीक्षण करने में सात माह का समय अवश्य लगा है। फिर भी मंदिर निर्माण के मौलिक समय में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। ऐसे में फरवरी 2021 से मंदिर निर्माण में 39 माह का समय लगेगा। वह कहते हैं कि मैनुवल कार्य होना है, इसलिए दो-चार प्रतिशत इधर-उधर समय में हेराफेरी हो सकती है लेकिन ज्यादा नहीं होगी। उनका मानना है कि अगस्त तक नींव निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। फिर मूल मंदिर का काम होगा।

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