उम्र खालिद ने कोर्ट में मीडिया पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने गुरुवार को एक अदालत के समक्ष कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में मीडिया ने उनके खिलाफ पूर्वाग्रही धारणा बनाने के लिए सोची-समझी रूपरेखा बनाई और सम्मिलित प्रयास किया। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार की अदालत में उमर खालिद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टप्पणियां की गई। याचिका में खालिद ने आरोप लगाया कि इससे पहले अदालत कोई संज्ञान ले पाती उनके खिलाफ दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट सार्वजनिक करके एक अनैतिक मीडिया ट्रायल शुरू किया गया।

खालिद ने कहा कि कथित विरोधात्मक मीडिया खबरें, जिनमें उन्हें दोषी दिखाया गया था, वे लगातार चल रही हैं और उन्हें उससे बहुत तकलीफ हो रही है। खालिद ने आरोप लगाया कि विरोधात्मक मीडिया खबरें, जिन्होंने मुझे न केवल आरोपी दिखाया बल्कि लगभग दोषी करार दिया, वे चल रही हैं। मैं आपको यह बताना चाहता हूं क्योंकि इससे मुझे बहुत तकलीफ हो रही है और निष्पक्ष सुनवाई का मेरा अधिकार भी इससे स्पष्ट रूप से प्रभावित हो रहा है। तथ्य यह है कि मेरे आपको यह बताने के बाद भी चल रहा है, मैं इसे सोची-समझी रूपरेखा के तौर पर देखता हूं।

खालिद ने यह भी कहा कि उसके कथित प्रगटीकरण बयानों के अंश, जिनका कानून की अदालत में कोई मूल्य नहीं, उन्हें भी हेडलाइन बनाया गया। खालिद ने मीडिया की एक खबर का जिक्र किया जिसमें कथित तौर पर अदालत को यह कहते हुए उद्धत किया गया था कि खालिद और सह आरोपी ताहिर हुसैन ने साथ मिल कर साजिश रची। खालिद ने दावा किया कि मीडिया ऐसा दिखा रहा है कि जैसे अदालत ने तब यह कहा जब उसने चार्जशीट पर संज्ञान भर लिया था।  अदालत ने कहा कि इस पर वह अलग से शिकायत दाखिल कर सकता है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की है।

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