भारतीय सेना ने फिर दिखाई दरियादिली , सीमा के अंदर आये पड़ोसी देश के सैनिक को छोड़ा

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख इलाके में  चीन के साथ जारी तनाव के बीच एक बार फिर दरियादिली दिखाई है। भारतीय क्षेत्र में पकड़े गए चीन के सैनिक को भारत ने लौटा दिया है। सेना ने सोमवार सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर लद्दाख के चुशुल इलाके में चीन को उसका सैनिक सौंपा। रविवार को चीन ने भारत से गुहार लगाई थी कि उसके सैनिक को वापिस लौटा दिया जाए। चीन ने दलील दी थी कि पकड़ा गया चीनी सैनिक अंधेरे और मुश्किल भूगोल की वजह से रास्ता भटक गया था। भारतीय सेना ने इस जवान को 8 जनवरी को पकड़ा था।  चीन के इस सैनिक को पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो झील के दक्षिणी किनारे के पास पकड़ा गया था। सोमवार को इस सैनिक को चुशुल-मोलदो मीटिंग पॉइंट पर चीन को सौंप दिया गया।

चीनी सेना ने कहा था कि भारतीय सेना को दोनों देशों द्वारा किए गए प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए। भारतीय सेना को खोए हुए सैनिक को वापस करने के लिए समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच सीमा तनाव को कम करने और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने के लिए सकारात्मक कारकों को जोड़ा जा सके। भारतीय सेना ने इस पर कहा था, ‘पीएलए के पकड़े गए सैनिक के साथ तय प्रक्रियाओं के मुताबिक व्यवहार किया जा रहा है और इसकी जांच की जा रही है कि उसने किन परिस्थितियों में एलएसी पार की।’ इससे पहले भारतीय सैनिकों ने पिछले साल 19 अक्टूबर को पीएलए के कॉर्पोरल वांग या लांग को पकड़ा था ,जब वह लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में एलएसी पार करके भारत की सीमा में चला गया था। कॉर्पोरल को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किये जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्डो सीमा बिंदु पर चीन को सौंपा गया था।

बता दें कि पिछले करीब तीन महीने में ये इस तरह की दूसरी घटना है। यह जानकारी भारतीय आधिकारियों ने शनिवार को दी थी। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा था, ‘पीएलए के सैनिक ने एलएसी पार की थी और उसे इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में ले लिया गया। चीनी सैनिकों के अभूतपूर्व जमावड़े और तैनाती के चलते गत साल टकराव के बाद दोनों ओर से सैनिक एलएसी के पास तैनात किए गए हैं।’

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