पुडुचेरी में उठी किरण बेदी को उपराज्यपाल पद से हटाने की मांग, सीएम नारायणसामी भी विरोध में शामिल

नई दिल्ली:  पुडुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेतृत्व वाले सेक्युलर डेमोक्रेटिक एलायंस (एसडीए) ने शुक्रवार को उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ चार दिवसीय आंदोलन शुरू कर दिया है। एसडीए ने बेदी पर चुनी हुई सरकार की विकास संबंधी योजनाओं और कल्याणकारी उपायों को लागू करने में अड़चन डालने का आरोप लगया है। मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी, पुडुचेरी के एकमात्र लोकसभा सदस्य वी. वैथीलिंगम, कांग्रेस विधायक टी. जयमूर्ति, सीपीआई, सीपीआई (एम) और वीसीके के नेताओं ने भी किरण बेदी के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया।

हालांकि, एसडीए ने पहले राज निवास (उपराज्यपाल के कार्यालय-सह-निवास) के समक्ष आंदोलन करने का फैसला किया था,। बाद में आयोजन स्थल को मारीमलाई आदिगल सलाई (एक किमी से अधिक दूर) स्थानांतरित कर दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि वहीं अनुमति नहीं दी गई थी। राज निवास और विधानसभा के 500 मीटर के दायरे में आंदोलन को रोकने के लिए एक आदेश जारी किया गया था। सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक सहयोगी द्रमुक के नेता और कार्यकर्ता आंदोलन में मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति के कारणों की फिलहाल जानकारी नहीं मिली है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र ने पहले ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की थी।

हालांकि मुख्यमंत्री दावा कर रहे थे कि जब तक किरण बेदी पुडुचेरी छोड़कर नहीं चली जाती हैं, तब तक जारी रहेगा। बाद में इसे चार दिन के लिए तय किया गया। यह दूसरी बार है जब बेदी के खिलाफ इस तरह के आंदोलन में मुख्यमंत्री, उनके सहयोगियों और गठबंधन दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इससे पहले फरवरी 2019 में बंद उद्योगों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को फिर से खोलने और मुफ्त चावल योजना के सुचारू संचालन के लिए जोर देने के लिए आयोजित की गई थी। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि वर्तमान विरोध किरण बेदी को वापस बुलाने की मांग तक सीमित है।

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