हमीरपुर : बेरोजगार तहसील कर्मियों ने डीएम से लगाई गुहार
मौदहा (हमीरपुर) कोरोना काल में किसी को भरण-पोषण की समस्या तो किसी की रोजी रोटी ही चली गई दरसल कस्बा स्थित तहसील के एक कर्मचारी को स्थानीय अधिकारियों की संस्तुति व तमाम प्रशस्ति पत्रों के बाद भी नौकरी से निकाल दिया गया और जब वह हर रोज की तरह अगले दिन ड्यूटी पर पहुंचा तो मानो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई हो।
बस उसने स्थानीय उप जिला अधिकारी व उच्चाधिकारियों से गुहार लगाना शुरू कर दिया क्योंकि उसे बिना किसी वजह या कारण के नौकरी से निकाल देना उचित नहीं था।
मौदहा तहसील के भूलेख कार्यालय के कंप्यूटर विभाग में तैनात शिवबाबू गोस्वामी आउटसोर्सिंग कर्मी को कई बार उसके कारनामों को लेकर संबंधित अधिकारी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी कर चुके थे लेकिन जबरन उसे नौकरी से निकाल दिए जाने के बाद अब पीड़ित कर्मी जिला अधिकारी के पास न्याय की गुहार लेकर दरवाजा खटखटा रहा है।
बीते लगभग दशक वर्ष से यह कर्मचारी एक सरकारी विभाग में ईमानदारी व निष्ठा पूर्वक कार्य कर रहा था लेकिन अचानक उसे नौकरी से निकाल दिए जाने के बाद अब उसके घर परिवार के भरण पोषण के लिए एक बड़ी आफत पैदा हो गई है पीड़ित कर्मचारी के अनुसार उसे तकरीबन 8 माह का वेतन भी नहीं दिया गया है।
तकनीकी मैन पावर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात यह आउटसोर्सिंग कर्मी के परिवार पर अब भरण पोषण का संकट मंडरा रहा है आउटसोर्सिंग कर्मी शिव बाबू गोस्वामी की जगह भूलेख कार्यालय हमीरपुर में सहायक भूलेख अधिकारी के पद पर सम्बद्ध रजिस्ट्रार कानूनगो सुशील निगम के पुत्र नीरज निगम की नियुक्ति की गई है जिसको लेकर पीड़ित कर्मी ने नियुक्ति पर अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुए जिला अधिकारी से न्याय की गुहार लगाकर जांच की मांग की है।
नौकरी से निकाले गए पीड़ित कर्मी के 4 छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी हैं।
जहां ऐसे में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लोगों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान कर मरहम लगाने का काम कर रहे हैं तो वहीं जिम्मेदार सरकारी नुमाइंदे इस भीषण महामारी यानी कोरोना काल में लोगों के रोजगार छीन रहे हैं।
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