रिटायरमेंट के बाद सताने लगती है इस बात की चिंता, इन पांच निवेश विकल्प में लगाएं पैसा, होगी अच्छी कमाई

रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति के पास पेंशन न हो तो उसकी नियमित आय बंद हो जाती है. इस बात की चिंता रिटायरमेंट के करीब आने पर ही सताने लगती है, ऐसे वक्त में अपने खर्च को निकालने के लिए अपनी बचत पर निर्भर रहना होगा। कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों में यह चिंता और ज्यादा है। एक बार जब आप रिटायरमेंट की प्लानिंग करते हैं तो दूसरा सवाल यह रहता है कि अब इसके बाद आपको रिटायरमेंट के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी ? ऐसे में हम इस खबर में आपको चार ऐसे कम जोखिम वाले निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं जिनसे आप रिटायरमेंट तक जोखिम-मुक्त रिटर्न कमा सकते हैं।

Senior Citizen Savings Scheme: SCSS उन लोगों को के लिए तिमाही आय योजना है जो या तो 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं या 55 पर स्वैच्छिक रिटायर हो रहे हैं। मौजूदा समय में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में प्रति तिमाही 7.4 फीसद ब्याज दर का भुगतान किया जाता है। इसका टेन्योर 5 साल का होता है और इसे मैच्योरिटी पर 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

Public Provident Fund: पीपीएफ लोकप्रिय निवेश विकल्प है जहां आप अपनी रिटायरमेंट बचत को जमा कर सकते हैं। यह 15 साल की मैच्योरिटी के साथ सरकार समर्थित बचत योजना है। हालांकि, 15 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद आप मैच्योरिटी को 5 साल के ब्लॉक द्वारा कई बार बढ़ा सकते हैं। PPF पर ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही में तय की जाती है और PPF से आपको मिलने वाला ब्याज धारा 10 (10D) के तहत कर योग्य नहीं है।

Government bonds: ऐसे लोग जो बहुत जल्द रिटायर होने वाले हैं वे अपना पैसा आरबीआई बांड, पीएसयू बांड जैसे आरईसी, आईआरएफसी, पीएफसी, आदि जैसे सरकारी-समर्थित बॉन्ड में जमा कर सकते हैं। ये बॉन्ड मौजूदा समय में लगभग 7% का प्री-टैक्स रिटर्न देते हैं।

Post office time deposits: यह बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में अधिक ब्याज देती है और सरकार समर्थित छोटी जमा योजना है। इसके लिए आप 1 वर्ष से 5 वर्ष के बीच का कार्यकाल चुन सकते हैं। इसके जमा पर ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही में तय की जाती है।

National Pension Scheme: एनपीएस में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है, हालांकि आपको सेक्शन 80सी और धारा 80सीसीडी (1 बी) के तहत एक वित्तीय वर्ष में केवल 2 लाख रुपये तक के निवेश पर कर लाभ मिल सकता है। यह वार्षिकी आय रिटायरमेंट के करीब आने वाले लोगों के लिए बेहतर है। एनपीएस के जरिये आप रिटायरमेंट से पहले अपने अधिकांश निवेश को एनपीएस में कर्ज में ट्रांसफर कर सकते हैं ताकि आपकी बचत किसी भी अचानक बाजार सुधार से प्रभावित न हो।

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