हमीरपुर : अन्ना गोवंश से फसले बचाने को खेतों में रतजगा कर रहा किसान
खरीफ की फसलें बचाना बना चुनौतीखरीफ की फसलें बचाना बना चुनौती
ग्राम प्रधानों की उदासीनता के कारण खरीफ की फसलें अन्ना गोवंश से बचाने के लिए बारिश में रातों को खेतों में मौजूद रहकर रतजगा करने को मजबूर है.
इसके बाद भी अन्ना गोवंश मौका पाते ही किसानों की फसलें चट कर जाता है.
इससे किसान बुरी तरह से आहत होकर सरकार द्वारा की गई व्यवस्था को कोसने में मजबूर हो रहा है.
गर्मी के सीजन में ग्राम प्रधानों ने खेतों के खाली होते ही अस्थाई बाडों में बंद गोवंश को रिहा कर दिया था.
इसके बाद प्रधानों ने इनको बंद कराने की जहमत नहीं उठाई है.
इससे सभी ग्राम पंचायतों में सैंकड़ों की तादाद में अन्ना गोवंश रात दिन धमाचौकड़ी मचाये हुए है.
जून माह के अंतिम सप्ताह में किसानों ने खाली खेतों में खरीफ की फसलों बो दी है. जो इस समय बड़ी होकर खेतों में लहलहा रही है.
गोवंश से फसलों को बचाने की चुनौती किसानों के सामने खड़ी हो गई हैं.
लिहाजा किसान बारिश के सीजन में जान जोखिम में डालकर खेतों में जाकर रात को रतजगा करने को मजबूर हो रहा है.
बिदोखर पुरई के किसान मान सिंह भदौरिया, राजकुमार द्विवेदी, पप्पू सिंह, प्रदीप गुप्ता आदि ने बताया कि अन्ना गोवंश के बंद न होने से ज्वार, अरहर, मूंग, तिल, उड़द आदि की फसलें नष्ट हो रही है.
ग्राम प्रधानों से शिकायत के बाद भी अन्ना गोवंश को संरक्षित नहीं कर रहे हैं.
ग्राम प्रधान चन्द्रप्रकाश यादव ने बताया कि किसानों ने भी अपने पालतू गोवंश रिहा कर रखे हैं.
इनको बांधने के लिए गांव में डुग्गी भी पिटवाई है. ध्वनि विस्तारक यंत्रों से भी लोगों को सूचित किया है.
लोगों ने पालतू पशुओं को नहीं बांधा है. इससे समस्या विकराल होती जा रही है.
अगर लोग अपने निजी पशुओं को संरक्षित कर ले. तो जल्द ही अन्ना गोवंश को अस्थाई बाड़े में बंद करा दिया जाएगा.
उधर इंगोहटा, बंडा, मवई जार, बांंकी, बांंक, बिलहडी, पलरा सहित सुमेरपुर कस्बे में अन्ना गोवंश के रिहा होने से किसान बुरी तरह से परेशान है और रात दिन खेतों में मौजूद रहकर खरीफ की फसलें बचाने की जद्दोजहद करने में जुटे हुए हैं.
पशु चिकित्सा अधिकारी डा. पंकज सचान का कहना है कि सभी ग्राम प्रधानों को शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि वह अन्ना गोवंश को किसी भी दशा में नहीं छोड़ेंगे.
अगर प्रधानों ने अन्ना गोवंश को रिहा कर रखा है तो यह शासनादेश की अवहेलना है.
जल्द ही वह पंचायतों का दौरा करके अन्ना गोवंश के बंद होने या न होने की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेंगे।