त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा की गरमाई अंदरूनी सियासत

त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा की अंदरूनी सियासत गर्मा गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के मंत्रिमंडल विस्तार की पैरवी संबंधी बयान के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह इस सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष से बात करेंगे।

उत्तराखंड की 70 सदस्यों वाली विधानसभा में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 ही हो सकता है। मार्च 2017 में जब भाजपा भारी भरकम बहुमत के साथ सत्ता में आई, तब मुख्यमंत्री के अलावा नौ मंत्री बनाए गए। उस वक्त माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री जल्द रिक्त दो स्थानों को भरेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिछले साल कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश पंत के असामयिक निधन से एक स्थान और रिक्त हो गया। इससे मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना को और बल मिला।

इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट कर मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हरी झंडी ले ली थी। तब स्वयं उन्होंने मार्च तक मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए थे, लेकिन उसके बाद कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा। तब से अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं और मंत्रिमंडल विस्तार टलता जा रहा है।

शनिवार को तब एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ा, जब मुख्यमंत्री ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से भेंट की। हालांकि इसे शिष्टाचार भेंट कहा गया लेकिन मुख्यमंत्री ने ‘जागरण’ से बातचीत में कहा कि कोरोना से उपजे हालात सामान्य होने के बाद वह मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब विधानसभा चुनाव के लिए काफी कम वक्त रह गया है, अब मंत्रिमंडल विस्तार हो जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने इसे अपनी निजी राय बताया।

मंगलवार को मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत द्वारा दिए गए बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने महज यही टिप्पणी की कि वह इस संबंध में उनसे बात करेंगे। मुख्यमंत्री के इस बयान के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। समझा जा रहा है कि वह मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश संगठन को जल्द वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे। वैसे, मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर शुरू होने से रिक्त तीन पदों पर नजरें टिकाए बैठे पार्टी के 40 से ज्यादा विधायकों की उम्मीदें एक बार फिर परवान चढ़ने लगी हैं।

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