राजस्थान के CM हर हाल में बदलना चाहते है कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायल के समर्थक

राजस्थान में कांग्रेस का सियासी विपत्ति समाप्त होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. उप सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट चाहने वालों ने मंगलवार को साफ कर दिया कि नेतृत्व में बदलाव से कम बात पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा.पायलट के अलावा उनके समर्थक एमएलए ने साफ कर दिया कि वे भारतीय जनता पार्टी में नहीं जा रहे, किन्तु गहलोत के नेताओं को मनाने का  इंतजाम नहीं किया है. पायलट चाहते हैं कि राज्य में सीएम अशोक गहलोत को हटाने के साथ ही वित्त एवं गृह जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा अपने समर्थक एमएमए को दिया जाए

बता दे कि पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हेमाराम चौधरी ने बताया कि नेतृत्व परिवर्तन होने तक हम किसी प्रकार के समझौता नहीं करेंगे. यही बात पायलट समर्थक एमएमए राकेश पारीक ने कही,उन्होंने बताया कि अब तो केवल आर-पार की लड़ाई होगी, गवर्नमेंट का नेतृत्व बदला जाएगा तब ही कोई निर्णय हो सकेगा. साथ ही, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत का मानना है कि हम भारतीय जनता पार्टी में नहीं जाएंगे,लेकिन गहलोत एमएलए में कोई कार्य नहीं हो रहा. विकास काम नहीं हो पा रहे,एक इंच रोड नहीं बनी. हमारे निर्वाचन के इलाके में विकाय कार्य कराने को लेकर सुनवाई नहीं की जा रही है

पायलट खेमे के एमएलए और प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक हरीश मीणा ने मंगलवार को अपने समर्थकों से टेलिफोन पर बताया कि सीएम हटने तक कोई निपटारा नहीं होगा. मीणा ने बताया कि गवर्नमेंट में बदलाव होना आवश्यक है. पायलट के एक विश्वस्त एमएलए ने मीडिया को नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि हम चाहते हैं कि सीएम पद से गहलोत को हटाया जाय और राज्य कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी सचिन पायलट की रजामंदी से ही बने. सूत्रों के मुताबिक पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी,महासचिव प्रियंका गांधी,वरिष्ठ पी.चिदंबरम व अहमद पटेल को साफतौर पर कह दिया है कि सीएम अशोक गहलोत के साथ कार्य करने को तैयार नहीं है

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