अमेरिकी सीनेटर ने कहा-भारत विदेशी पर्यटकों से अपने स्मारकों के लिए लेता है अतिरिक्त शुल्क

अमेरिकी सीनेटर ने भारत में ताज महत की तर्ज पर देश के राष्ट्रीय उद्यानों को देखने आने वाले विदेशी पर्यटकों से अतिरिक्त शुल्क लेने की बात कही है। उन्होंने विदेशी पर्यटकों पर 16-25 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लगाने की मांग की है। सीनेटर माइक एन्जी द्वारा ‘ग्रेट अमेरिकन आउटडोर एक्ट’ में संशोधन के प्रस्ताव का उद्देश्य अमेरिका में कई शीर्ष स्मारकों और राष्ट्रीय उद्यानों के रख रखाव के लिए आवश्यक पैसा जुटाना है।
राष्ट्रीय उद्यान सेवा के अनुसार, पार्कों के वर्तमान रखरखाव और बकाया को पूरा करने में लगभग 12 अरब अमरीकी डालर का खर्च आएगा। सीनेटर ने कहा कि इसकी तुलना में पिछले साल नेशनल पार्क सर्विस का पूरा बजट 4.1 अरब अमरीकी डॉलर था। यह संशोधन इस कमी को पूरा करने में एक स्थायी समाधान प्रदान करता है।
एन्जी ने कहा कि मेरे संसोधन के तहत अमेरिका आने वाले विदेश पर्यटकों से देश में प्रवेश करते समय 16 या 25 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लिया जाए। यूएस ट्रैवल एसोसिएशन के एक अध्ययन के अनुसार, विदेशों से अमेरिका आने वाले लगभग 40 फीसदी लोग किसी भी एक राष्ट्रीय उद्यानों में जरूर जाते हैं। उन्होंने कहा कि 1.4 करोड़ से अधिक लोग विदेश से आते हैं और राष्ट्रीय उद्यानों में जाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा है कि दुनिया भर के लोग अमेरिका के इन राष्ट्रीय खजाने में मूल्य को पहचानते हैं, लेकिन ज्यादा लोगों के आने से इसके रखरखाव में ज्यादा खर्चा होता है और यह गलत नहीं हैं कि हम लोगों से इन राष्ट्रीय खजाने को बनाए रखने में मदद करने के लिए कहें।
एन्जी ने कहा कि अमेरिका के बाहर किसी भी देश में अहर आप स्मारकों को देखने जाते हैं तो आपको इसका शुल्क चुकाना पड़ता है। भारत में ताज महल में विदेशी पर्यटकों को 18 डॉलर का शुल्क देना पड़ता है, जबकि स्थानीय लोगों के लिए यह शुल्क केवल 56 सेंट का है। दक्षिण अफ्रीका के क्रुगर नेशनल पार्क में स्थानीय लोगों से 6.25 डॉलर के शुल्क की तुलना में देश के बाहर से आने वाले पर्यटकों से 25 डॉलर का शुल्क लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि स्पेन, फ्रांस और इटली जैसे कई यूरोपीय देशों ने होटल के कमरों पर एक पर्यटक टैक्स लगाया है, जिसका उपयोग पर्यटन के बुनियादी ढांचे के मजबूत करने के लिए किया जाता है।
 
				 
					




