अच्छी खबर :माता वैष्णो देवी की यात्रा आठ जून से शुरु होगी
श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने भले ही अभी कोई फैसला न लिया हो, लेकिन माता के भवन और यात्रा मार्ग पर गतिविधियां तेज हो गई गई हैं। केंद्र सरकार पहले से ही आठ जून से सभी राज्यों को धर्मस्थल खोलने की इजाजत दे चुकी है।
लॉकडाउन में केंद्र की ढील के बाद माता वैष्णो देवी यात्रा भी जल्द शुरू होने के आसार बन गए हैं। संभवत: इसी क्रम में भवन मार्ग पर घोड़ा, पिठ्ठू और पालकी के रूप में कार्य करने वाले मजदूरों के कोरोना टेस्ट के साथ ही घोड़ों के भी सैंपल लेना शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा वैष्णो देवी भवन पर गेट नंबर एक से लेकर गुफा तक शारीरिक दूरी के मुताबिक यानी छह फुट की दूरी पर निशान लगाए जा रहे हैं।
भवन पर भोजनालयों के साथ ही हिमकोटि के पास भोजनालय के पास भी ऐसे ही घेरों के निशान बनाए जा रहे हैं।श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने भी अपने सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने के निर्देश दे दिए हैं। बोर्ड के कर्मचारी लगातार आना निरंतर जारी भी है।भवन पर साफ सफाई का काम भी तेजी से शुरू हो गया है। यानी यात्रा शुरू करने से पहले की सभी तैयारियां की जा रही हैं।
अलबत्ता, श्राइन बोर्ड द्वारा वैष्णो देवी यात्रा के बारे में अभी कोई भी घोषणा नहीं की गई है और न ही चल रही तैयारियों के बारे में कुछ कहा है। दो महीनों से ज्यादा समय से मंदिरों मस्जिदों और दूसरे धार्मिक स्थलों में न जा पाने वाले श्रद्धालु जल्द अपने देवी, देवताओं के दर्शन के लिए मंदिरों में जा सकेंगे।
धार्मिक स्थल खुल जाने के बाद शारीरिक दूरी बनी रहे, इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। बावे वाली माता दरबार में सर्कल बनाए गए। यह सर्कल इसी उद्देश्य से बनाए गए हैं कि जो भी श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए आएं, वह कतार में नियमित दूरी बना कर दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करें।
पूरी उम्मीद है कि 8 जून से शुरू होने वाले अनलॉक-01 में जम्मू में भी धार्मिक स्थलों के कपाट खुल जाएंगे और बेसब्री से मंदिरों में जाकर पूजा करने के इच्छुक श्रद्धालु मंदिरों में जाकर दर्शन कर सकेंगे।
वर्षों से नियमित बावे वाली माता के दर्शनों के लिए आने वाले मदन मोहन सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वह माता के दरबार नहीं जा सके हैं। अब बेसब्री से मंदिर खुलने का इंतजार है। अक्सर बावे वाली माता के दरबार दर्शनों के लाइन में खड़ा होना पड़ता है। आज जब सर्कल बनते देखे हैं तो उम्मीद है कि वह जल्द फिर से दर्शनों के लिए आ सकेंगे।
वहीं शहर के दूसरे मंदिरों के खुलने की भी लोगों को पूरी उम्मीद है। सभी का कहना है कि पूजा अर्चना तो शारीरिक दूरी बना कर ही की जाती है। हां, अब थोड़ा ज्यादा ही ध्यान रखना पड़ेगा। पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति दी है। कोलकाता के प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और स्वच्छता की व्यवस्था करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी।
राज्य में सरकार ने 8 जून से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में एक जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देने का ऐलान किया था।
मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बावजूद भी धर्मगुरुओं के बीच धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर कंफ्यूजन सा बना हुआ है।