परीक्षाओं को और भी पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार बना सकती है एंटी-चीटिंग उपकरण
सरकारी पदों के लिये होने वाली परीक्षाओं को अब और भी पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की तैयारी चल रही है. इसलिये सरकार एक एंटी-चीटिंग उपकरण तैयार करने पर विचार कर रही है, जो केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए ऑनलाइन सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में इस्तेमाल किये जाएंगे. अधिकारियोंं के अनुसार यह प्रश्नों के एन्क्रिप्शन और जंबलिंग दोनों को सुरक्षित करेगा. बता दें कि एन्क्रिप्शन के जरिये डाटा को कोड में परिवर्तित किया जाता है और जंबलिंग में सवालों को मिला दिया जाता है. कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीईटी को यह उपकरण धोखेबाजों को चकमा देने के लिये डिजाइन किया गया है
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उम्मीदवारों को एहसास होगा कि वे दीवारों और खिड़कियों पर चढ़कर कुछ हासिल नहीं कर सकेंगे. उन्होंने बिहार के एक स्कूल से वायरल हुई तस्वीर, जिसमें पुरुषों को परीक्षा केंद्र की दीवार से छेड़छाड़ करते हुए दिखाया गया था और खिड़की के जरिये चिट पास कर रहे थे, इसके संदर्भ में कहा कि अब यह संभव नहीं हो सकेगा.
कार्मिक विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली के अनुसार यह उपकरण ऑनलाइन परीक्षा प्रश्न पत्र की नकल/ धोखाधड़ी या लीक के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगा. यह एल्गोरिदम सुनिश्चित करेगा कि हर उम्मीदवार को अलग-अलग प्रश्न पत्र मिले और हर प्रश्न पत्र में सवालों की संख्या जंबल्ड यानी मिलीजुली होगी.
प्रस्ताव है कि CET को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा कराया जाना चाहिये. नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी, एनआरए, एक यूनिवर्सल बॉडी है जो ग्रुप बी और सी के पदों के लिये प्रवेश स्तर की परीक्षाएं आयोजित करती है. इसमें स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (Staff Selection Commission), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (Railway Recruitment Board) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सोनेल सेलेक्शन (Institute of Banking Personnel Selection) शामिल हैं.
सिंंह ने कहा कि भर्ती एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के स्कोर तीन साल के लिये मान्य होंगे. इससे नॉन गजेटेड नौकरियों के लिये आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को बार-बार नौकरी के लिये आवेदन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और इससे भर्ती परीक्षा आयोजित करने का खर्च व समय भी बचेगा. चंद्रमौली ने कहा कि CET लॉन्च होने के बाद भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला समय 12-18 महीने से घट कर 3-4 महीने हो जाएगा. परीक्षा देने से लेकर पोस्टिंग पाने तक की प्रक्रिया करीब तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी.
फिलहाल अगल-अलग एजेंसियों द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं के लिये करीब 2.5 करोड़ उम्मीदवार हर साल औसतन 1.25 लाख नौकरियोंं के लिये आवेदन करते हैं या भर्ती प्रक्रिया में शामिल होते हैं.