कोरोना वायरस के कहर से बॉक्स ऑफिस पर अंग्रेजी मीडियम होगी फ्लॉप
कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है. छोटे बिजनेस से लेकर बड़ी-बड़ी फिल्मों तक, सब कुछ कोरोना का प्रभाव देखा जा रहा है. अब क्योंकि परिस्थिति ज्यादा चिंताजनक होती दिख रही है, इसलिए कई फिल्मेमेकर्स ने अपनी फिल्मों की रिलीज को ही पोस्टपोन कर दिया गया है. लेकिन इरफान खान की फिल्म अंग्रेजी मीडियम के साथ ऐसा नहीं हुआ.
फिल्म रिलीज के अगले ही दिन दिल्ली के सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद रखने का फरमान सुना दिया गया. अब दूसरे राज्यों से भी ऐसी ही खबरें सामने आ रही हैं. ऐसे में फिल्म देखने को लिए दर्शक ही नहीं होंगे, तो फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर तो इसका असर देखने को मिलेगा ही.
इसी का शिकार होती दिख रही है होमी अदजानिया की फिल्म अंग्रेजी मीडियम जिसको बॉक्स ऑफिस पर काफी सुस्त शुरूआत मिली है. इसकी बड़ी वजह कोरोना वायरस का डर बताया जा रहा है. ऐसे में अब ये सवाल उठना तो लाजमी है कि क्या फिल्म की रिलीज को पोस्टपोन करना ठीक फैसला नहीं होता?
स्पॉटबॉय ने अपनी एक रिपोर्ट में कुछ ट्रेड विशेषज्ञों की राय के आधार पर बताया कि कई लोगों का मानना है कि कोरोना के चलते अंग्रेजी मीडियम को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. मराठा मंदिर के ओनर मनोज देसाई कहते हैं- अंग्रेजी मीडियम की शुरूआत काफी धीमी हुई है. हालात खराब हैं. इसके ऊपर अब तो सिनेमा हॉल बंद करने का भी फैसला लिया गया है. इसका बड़ा नुकसान देखने को मिलेगा.
ट्रेड एनालिस्ट तरण आर्दश की भी कुछ ऐसी ही सोच है. उनके मुताबिक दिल्ली फिल्मों के लिए एक बड़ा मार्केट है. अगर फिल्म दिल्ली में ही रिलीज नहीं होगी तो आंकड़ों पर इसका असर तो पड़ेगा ही. तरण आर्दश की माने तो लोग इस समय एंटरटेनमेंट को छोड़ अपनी हेल्थ के बारे में सोच रहे हैं. अब जब ट्रेड एनालिस्ट भी यही कह रहे हो और परिस्थिति भी ऐसी बनी हुई हो, ऐसे में अंग्रेजी मीडियम को क्यों नही टाला गया?
इस बारे में अंग्रेजी मीडियम के डिस्ट्रीब्यूटर जयंतीलाल गढ़ा कहते हैं- फिल्म को दुबई में एक दिन पहले ही रिलीज कर दिया गया था. इसके अलावा इंटरनेशनल मार्केट में भी रिलीज को लेकर भी तैयारी पूरी थी. ऐसे में अगर फिल्म को रिलीज नहीं किया जाता तो पायरेसी का खतरा बढ़ जाता. वैसे बता दें, इस सब के बावजूद भी अंग्रेजी मीडियम लीक हो चुकी है.
बताते चले अंग्रजी मीडियम की कहानी में दिखाया गया है कि विदेशी कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए क्या-क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं. फिल्म में बाप-बेटी के रिश्ते को भी नजदीक से दिखाने की कोशिश की गई है. फिल्म को क्रिटिक्स का मिक्सड रिस्पांस मिला है. कोई फिल्म की कहानी को कमजोर बता रहा है तो कोई इरफान-दीपक की जोड़ी की तारीफ कर रहा है.