उन्नाव पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में 7 लोगों को दोषी करार दिया

 उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Delhi’s tis hazari court) ने बुधवार को फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में उन्नाव जिले के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 7 लोगों को दोषी करार दिया है, जबकि 4 लोगों को बरी कर दिया है। इस मामले में दोषी सातों को 12 मार्च को कोर्ट सजा सुनाएगा।

सुनवाई के दौरान जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि यह मेरे करियर का सबसे बेहतरीन ट्रायल था। सीबीआइ और पीड़िता के वकील ने अच्छा काम किया। वे बधाई के पात्र हैं। वहीं, सुनवाई के दौरान आरोपित कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा- ‘मैं निर्दोष हूं’। इस पर जज ने कहा कि खुद को बचाने के लिए तकनीक का अच्छा इस्तेमाल किया, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। हमें सब दिखता है।

कोर्ट ने आईपीसी की धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या, लेकिन हत्या नहीं और 120 बी यानि साजिश रचने के लिए दोषी करार दिया गया है। 304 में अधिकतम उम्र कैद और जुर्माना और न्यूनतम 10 साल कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। कुलदीप सिंह सेंगर दुष्कर्म के मामले में पहले से ही उम्र कैद पा चुका है।

  1.  कुलदीप सेंगर  – दोषी
  2.  कामता प्रसाद, सब इंस्पेक्टर – दोषी
  3.  अशोक सिंह भदौरिया, SHO  – दोषी
  4.  शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह – बरी
  5. विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा  – दोषी
  6.  बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह — दोषी
  7.  राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह – बरी
  8.  शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह – दोषी
  9. अमीर खान, कॉन्स्टेबल – बरी
  10. जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह – दोषी
  11. शरदवीर सिंह – बरी

इससे पहले 29 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान दुष्कर्म पीड़िता के पिता की कथित रूप से हिरासत में हुई मौत मामले में फैसला सुनाने के लिए तारीख 4 मार्च तक टाल दी थी।

बता दें कि पुलिस हिरासत में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत का मामला 9 अप्रैल, 2018 का है। परिवार ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह ने रसूख के बल पर उसके पिता को पहले गिरफ्तार करवाया फिर हत्या करवा दी।

बढ़ सकती है कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किल

नालाबिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं,क्योंकि इससे पहले ही पूर्व विधायक का उम्रकैद की सजा मिल चुकी है।

बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर के साल 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण कर फिर उससे दुष्कर्म मामले में दिल्ली की कोर्ट उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। कोर्ट ने 20 दिसंबर को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, इसके बाद उनकी विधायकी भी चली गई।

55 लोगों की गवाही बनेगी मुसीबत

मिली जानकारी के मुताबिक, दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या में केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) ने केस को पुख्ता करने के लिए कुल 55 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए हैं, इनमें पीड़िता के चाचा, मां, बहन के साथ पिता के सहकर्मी भी शामिल हैं।

यह भी जानें

  • 4 जून, 2017 को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग लड़की ने भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
  • इस मामले में 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया था, फिर 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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