पहली पेशी में लखनऊ सेशन कोर्ट नहीं पहुंचे चिन्मयानंद, अब 19 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

उत्‍तर प्रदेश के चर्चित लॉ कॉलेज की छात्रा से दुष्कर्म मामले में आरोपित पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की सुनाई अब लखनऊ की सेशन कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई है। रिहाई के बाद बुधवार को चिन्मयानंद की पहली पेशी लखनऊ में होनी थी, लेकिन वह नहीं पहुंचे। उनकी तरफ से वकील ने हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दाखिल किया। बताया जा रहा है कि जज भी अवकाश पर थे।

बता दें, बीती पांच फरवरी को चिन्मयानंद की शाहजहां जिला कारागार से रिहाई हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर छात्रा से दुष्कर्म व चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग मामले में दर्ज दोनों मुकदमों की पत्रावलियां लखनऊ की सेशन कोर्ट में पहले ही स्थानांतरित कर दी गई थी।

गौरतलब हो कि चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म के आरोप के मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट एडीजे तृतीय में चल रही थी। तीन फरवरी को उनकी जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हुई थी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दुष्कर्म व चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के मुकदमों की सुनवाई शाहजहांपुर की बजाय लखनऊ सेशन कोर्ट में कराने के आदेश भी दिए थे। पांच फरवरी को चिन्मयानंद की शाहजहां जिला कारागार से रिहाई हुई थी। इसके साथ ही दोनों मुकदमों की पत्रावलियों को लखनऊ स्थानांतरित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। बीते मंगलवार को लखनऊ कोर्ट में दोनों मुकदमों की पत्रावलियां रिसीव करा दी गईं। जिसके बाद अब इनसे संबंधित आगे की न्यायिक प्रक्रिया वहीं से तय होगी।

अब 19 फरवरी को होगी सुनवाई

दुष्कर्म मामले में लखनऊ में चिन्मयानंद की पहली पेशी बुधवार को होनी थी, लेकिन वह नहीं पहुंचे। अब 19 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। वहीं, ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा, तीनों युवकों, डीसीबी चेयरमैन डीपीएस राठौर व भाजयुमो नेता अजीत सिंह की पेशी 19 फरवरी को होनी है। अब तक इन लोगों के मुकदमे की सुनवाई मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम ओमवीर सिंह की कोर्ट में चल रही थी। अब ये लोग भी लखनऊ की कोर्ट में पेश होंगे।

इसलिए दिए गए आदेश

दरअसल, दुष्कर्म पीडि़ता ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा की ओर से मुकदमे से संबंधित गवाहों को डराने धमकाने या प्रभावित करने की आशंका हाईकोर्ट के समक्ष जाहिर की गई थी। ऐसे में शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के प्रभाव को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों ही मुकदमों की सुनवाई लखनऊ में कराने के आदेश जारी कर दिए थे।

टाइमलाइन में जानें कब क्या हुआ 

  • 24 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम द्वारा चलाए जा रहे एसएस लॉ कॉलेज के 23 वर्षीय लॉ छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा उत्पीडऩ और यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट वायरल।
  • 25 अगस्त:  लॉ छात्रा लापता हो गई, पिता ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।
  • 26 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने खुलासा किया कि अज्ञात नंबर से पांच करोड़ की फिरौती मांगी, रिपोर्ट दर्ज कराई। 26 अगस्त एसपी ने छात्रा की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित की। आरोपों की जांच कोतवाल को सौंपी गई।
  • 27 अगस्त:  जिला पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की।
  • 30 अगस्त: लॉ छात्रा को यूपी पुलिस ने दौसा (राजस्थान) में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास उसके एक दोस्त के साथ पाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की को पेश करने के आदेश दिए। इस मामले में वीडियो वारयल हुआ। वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद के होने का दावा किया। इसमें वह लड़की से मसाज करा रहे थे।
  • 2 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि लॉ छात्रा द्वारा लगाए गए स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) टीम का गठन किया जाए। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में दर्ज दो क्रॉस एफआइआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच गठित करने का आग्रह किया।
  • 3 सितंबर: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश मिलने के बाद यूपी डीजीपी ने आइजी नवीन अरोड़ा के अधीन एसआइटी का गठन किया।
  • 4 सितंबर: चिन्मयानंद ने अपने शैक्षणिक संस्थानों को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ एक साजिश का आरोप लगाया।
  • 10 सितंबर:  चिन्मयानंद और एक लड़की के बीच मालिश का एक कथित वीडियो वायरल हुआ।
  • 12 सितंबर: एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद से करीब सात घंटे तक पूछताछ की। स्वामी का कमरा भी सील कर दिया। चिन्मयानंद के बिना अनुमति आश्रम से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही जांच पूरी होने तक उनके शाहजहांपुर से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
  • 14 सितंबर: लॉ स्टूडेंट के पिता ने एक पेन ड्राइव एसआइटी को सौंपी, जिसमें चिन्मयानंद के 43 वीडियो क्लिप थे।
  • 16 सितंबर: छात्रा को कोर्ट लाया गया। इस दौरान सुरक्षा काफी कड़ी रही। छात्रा सुबह 10 बजे जेएम प्रथम कोर्ट में पहुंची और बयान दर्ज कराने के बाद दोपहर 2:42 बजे कोर्ट से निकली। करीब पौने पांच घंटे तक कोर्ट की कार्यवाही चली, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच छात्रा को घर भेज दिया गया। धारा 164 से तहत छात्रा के कलमबंद बयान दर्ज किए जाने के बाद देर शाम स्वामी चिन्मयानंद की हालत अचानक बिगड़ गई। रात करीब आठ बजे मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट डॉक्टरों की टीम आश्रम में उनके आवास दिव्य धाम पहुंची और उपचार किया।
  • 18 सितंबर: चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने से नाराज छात्रा अपने पिता व भाई के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची। यहां छात्रा ने कहा कि स्वामी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी। एसआइटी भी उसे इस मामले में कुछ नहीं बता रही है। इसलिए वह और भी व्यथित है, इस बात की जानकारी छात्रा के पिता ने दी है।
  • 20 सितंबर: एसआइटी ने चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जबकि संजय, विक्रम और सचिन को चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
  • 25 सितंबर : एसआइटी ने छात्रा को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाते हुए जेल भेज दिया था। बीती नवंबर में एसआइटी ने मामले में कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री डीपीएस राठौर और भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाया था।
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