बीइंग ह्रयूमन से जुड़े कार्यक्रम में नजर आयी यह अभिनेत्री, अरबाज खान भी हुए अचनाक गायब
सिनेमा जगत में अक्सर बड़े सितारों के नाम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने की कोशिश की जाती है। ऐसा ही एक कार्यक्रम 28 जनवरी को मुबंई के जुहू में भी आयोजित हुआ। इसके अलावा कार्यक्रम के मुख्य मेहमानों की सूची में अरबाज खान से लेकर सोहेल और कटरीना कैफ के नाम मौजूद थे। पिक्चर पाठशाला की तरफ से बीइंग ह्यूमन और बुक स्माइल को आभार व्यक्त करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में कटरीना कैफ एकदम आखिरी में पहुंचीं। इसके अलावा उन्होंने चंद मिनट स्टेज पर बिताया और उसके बाद वापस चली गईं। वहीं अरबाज खान किसी कारणवश कार्यक्रम के बीच से ही गायब हो गए।वही इनके अलावा शो में सोहेल खान से लेकर सुनील ग्रोवर, अतुल अग्निहोत्री, अलवीरा भी मौजूद रहे परन्तु किसी भी कलाकार ने मीडिया से बातचीत करने की जरूरत नहीं समझी।वही यह बात समारोह में मौजूद पत्रकारों को भी अखरी।
इसके साथ ही लघु फिल्म ‘बेटी’ में लड़कियों के जीवन और उनके संघर्ष को पेश किया गया है । इस संस्था की तरफ से मौजूद श्वेता और अयान ने बताया कि वह सिर्फ बच्चों के साथ और उनके विषय पर ही फिल्में नहीं बनाते हैं बल्कि उन्हें फिल्म बनाने की प्रक्रिया का भी हिस्सा बनाते हैं। वे उन्हें बताते हैं कि कैमरों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, कैसे अभिनय किया जाता है और कैसे फिल्म बनाकर इसे पर्दे पर पेश किया जाता है। कार्यक्रम में अरबाज खान ने कहा, ‘असली सीखना तो यही है। इस तरीके से हम बड़ी से बड़ी चीज रचनात्मकता और व्यावहारिक तरीके से सीख सकते हैं। आज के दौर में बच्चों पर सिर्फ और सिर्फ किताबी पढ़ाई करने के लिए जोर डाला जा रहा है। उसकी तुलना में सिनेमा के माध्यम से बच्चों को दुनिया के बारे में बताना काफी रोचक प्रयास है।’ वहीं सोहेल ने कहा, ‘आज हम किसी चीज के बारे में सोचने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं करते हैं।
जब मैं अपने बच्चों के साथ रहता हूं और खेल-खेल में ही यदि उससे कोई चीज पूछता हूं तो वह तुरंत ही गूगल करने लगता है। प्रेक्टिकल के तहत चीजे समझने का अपना मजा है। आज के दौर में देखकर और खुद आजमा कर सीखना काफी जरूरी हो गया है। पिक्चर पाठशाला जिस तरह से लघु फिल्मों का निर्माण कर रहा है वह काफी अच्छा है। वही आज मैंने इनसे काफी कुछ सीखा है।’ कटरीना ने बताया कि पिछली रात को ही उन्होंने इन बच्चों की वीडियो देखी थी। वह यह देखकर काफी प्रभावित हुईं कि इतने मजे से बच्चे काफी बड़ी और महत्वपूर्ण बातें सीख रहे हैं। उन्हें कम उम्र में ही फिल्म बनाने से लेकर तमाम दूसरी तरह की प्रक्रिया का हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है। सबसे खास बात यह कि बच्चे इस दौरान काफी मजे में भी हैं।