CAA के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट पहुंची बलूचिस्तान हिन्दू पंचायत, बोली- खत्म करने तक सताया गया

नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) पर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई में पक्षकार बनने के लिए बलूचिस्तान हिन्दू पंचायत ने अर्जी दी है। वकील अरधेन्दु मौली कुमार की दलीलें सुनकर कोर्ट ने इस अर्जी पर नोटिस जारी किया है। बलूचिस्तान हिन्दू पंचायत ने इस अर्जी में नागरिकता कानून का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें खत्म करने की कोशिश तक सताया गया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को नागरिकता कानून को लेकर याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। कोर्ट ने साथ ही फिलहाल कानून पर रोक लगाने से मना कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान दलीलों को सुनने के लिए एक संविधान पीठ गठित करने का संकेत दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कानून पर कोई रोक नहीं लगाई, जैसा कि कुछ याचिकाओं द्वारा मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की खंडपीठ ने नए नागरिकता कानून को चुनौती देने या समर्थन करने वाले 140 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

केके वेणुगोपाल ने और दायर होने वाली याचिकाओं पर रोक लगाने को कहा

सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि हम सरकार से कुछ अस्थायी परमिट जारी करने के लिए कह सकते हैं। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से और दायर होने वाली याचिकाओं पर रोक लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि मामले में अबतक 140 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। अन्य कोई इसपर सुनवाई चाहता है तो वह हस्तक्षेप आवेदन दायर कर सकता है। केंद्र ने एक प्रारंभिक हलफनामा तैयार किया है जिसे आज दायर किया जाएगा।

सिब्बल ने कानून को लागू करने की प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर संविधान पीठ के गठन का संकेत दिया। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के वकील कपिल सिब्बल ने कानून को लागू करने की प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया। अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया। इसके बाद सीजेआइ ने कहा कि  आज हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे।

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