तीन राजनीतिक दलों के साथ छोड़ने के बाद अब मायावती हुई कांग्रेस से गठबंधन को तैयार, लेकिन…

 

हरियाणा में डेढ साल के भीतर तीन राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन तोडऩे के बाद अब बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन को तैयार हो गई है। दूसरी तरफ अतीत के घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेसी नेताओं ने बसपा सुप्रीमो से किसी तरह की मुलाकात और गठबंधन की संभावनाओं से इनकार कर दिया है। इस उठापटक के बीच कांग्रेस की बागडोर संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी शैलजा ने चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनावी सीजन में सबसे पहले इनेलो के साथ गठबंधन किया, जिसे जींद उपचुनाव के बाद तोड़ दिया गया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा ने लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ गठबंधन किया।

बसपा ने लोसुपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा और लोकसभा चुनाव के बाद लोसुपा के साथ भी गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा ने जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया लेकिन यह गठबंधन महज 27 दिन चला।अब कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बाद बसपा द्वारा कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दिए जा रहे हैं। पिछले दो दिनों से बसपा व कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं। कहा यह भी जा रहा है कि बसपा ने जजपा के साथ गठबंधन कांग्रेस के साथ सहमति होने के बाद ही तोड़ा है लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने बसपा सुप्रीमो मायवती से किसी तरह की बैठक करने से साफ इनकार कर दिया। उधर पूर्व मुख्यमंत्री एवं चुनाव संचालन समीति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी साफ कर दिया कि उनकी बसपा के किसी भी नेता अथवा मायावती के साथ कोई बात नहीं हुई है। कांग्रेस ने अपने स्तर पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।दूसरी तरफ कांग्रेस प्रभारी एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने साफ किया कि कांग्रेस पार्टी अपने स्तर पर प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लडऩे में सक्षम है जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।

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