जेएनयू में स्कूल जीबीएम फिर से कराने की मांग

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने दोबारा से स्कूल जनरल बॉडी मीटिंग (GBM) कराने की मांग की है। इस संबंध में जेएनयू कुलगुरू, चुनाव शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा गया है। वैभव मीणा ने बताया कि स्कूल ऑफ सोशल साइंस (SSS), स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (SIS) और स्कूल ऑफ लैंग्वेज में नियमों के तहत जीबीएम में चुनाव समिति सदस्य का चयन नहीं किया गया है। चयन को लेकर नियमों की अनदेखी की गई है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ।

पत्र में अनुरोध किया गया है कि चयनित चुनाव समिति सदस्यों को वैध न माना जाए। दोबारा से जीबीएम का आयोजन हो। लेफ्ट समर्थित जेएनयू छात्र के पदाधिकारियों की मनमर्जी नहीं चलेगी। 14 अक्तूबर को एसआईएस जीबीएम बैठक के दौरान भारी अराजकता और व्यवधान देखा गया। 17 अक्तूबर को बिना किसी सूचना और कोरम के जीबीएम को दोबारा बुलाकर चुनाव समिति सदस्यों की एकतरफा नियुक्ति कर दी।

इसी तरह से एसएसएस में जीबीएम लगभग 17 घंटे चली, लेकिन किसी प्रकार का लोकतांत्रिक निर्णय नहीं लिया गया। विरोध के बावजूद लेफ्ट समूह ने छात्रों को नजरअंदाज करते हुए सदस्यों की एकतरफा घोषणा कर दी। इसी प्रकार स्कूल ऑफ लैंग्वेज की जीबीएम में ईसी की नियुक्ति केवल पांच मिनट में पूरी कर दी गई।

एबीवीपी पर लगे आरोप

एबीवीपी के आरोपों पर जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष मनीषा ने कहा कि चुनाव सदस्यों के चयन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया गया। सभी स्कूलों में जीबीएम की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। एबीवीपी ने सभी स्कूलों को जीबीएम में हिंसा की। सुबह छह बजे से लेकर दो घंटे छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार, सचिव मुंतेहा फातिमा और मुझे बंधक बनाया गया। कहा कि नीतीश को पीटा गया और उसके कपड़े फाड़ दिए।

सभी जीबीएम के आयोजन में नियमों का पालन किया गया है। अब सभी सदस्य चुनाव आयोजन समिति के संयोजक का चयन करेंगे। सोमवार तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उसके बाद चुनाव का कार्यक्रम जारी होगा। मनीषा ने बताया कि जातिगत टिप्पणी के विरोध में शनिवार शाम को वसंतकुंज थाने तक मार्च करने का निर्णय लिया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker