लंग डैमेज का संकेत हो सकते हैं शरीर में दिखने वाले ये 5 लक्षण

बढ़ते प्रदूषण, स्मोकिंग और बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। लंग डैमेज का अगर जल्दी पता न लगाया जाए, तो समस्या बढ़ सकती है। हालांकि, लोग इस ओर कम ध्यान देते हैं। लेकिन हमारा शरीर कुछ लक्षणों की मदद से हमें चेतावनी देता है।

अगर इन लक्षणों को वक्त रहते पहचान लिया जाए, तो सही इलाज की मदद से लंग डैमेज को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए जानें लंग डैमेज होने पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

लगातार खांसी का बने रहना
खांसी आमतौर पर सर्दी-जुकाम या गले में इन्फेक्शन का लक्षण मानी जाती है। लेकिन अगर खांसी तीन सप्ताह से ज्यादा समय तक बनी रहे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लंग डैमेज की स्थिति में खांसी के साथ बलगम आ सकता है, जो कई बार खूनी भी हो सकता है। यह खांसी सूखी या बलगम वाली, दोनों तरह की हो सकती है और समय के साथ यह बढ़ सकता है।

सांस लेने में तकलीफ
रोजमर्रा के काम, जैसे चलना, सीढ़ियां चढ़ना या हल्का-फुल्का काम करते समय अगर सांस फूलने लगे या सांस लेने में दिक्कत हो, तो यह चिंता का विषय है। यह लक्षण दिखाता है कि फेफड़े भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन लेने और शरीर में उसकी कमी को पूरा करने में असमर्थ हैं। अस्थमा, फेफड़ों में फाइब्रोसिस, या फेफड़ों के टिश्यूज को नुकसान होने पर ऐसा हो सकता है।

सीने में दर्द या जकड़न
लंग डैमेज का एक और अहम लक्षण सीने में लगातार दर्द, जलन या जकड़न महसूस होना है। यह दर्द गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने पर और बढ़ सकता है। यह दर्द फेफड़ों में सूजन, इन्फेक्शन या अन्य कारणों से हो सकता है। सीने के दर्द को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह दिल से जुड़ी समस्याओं का भी लक्षण हो सकता है।

घरघराहट
सांस लेते या छोड़ते समय सीटी जैसी आवाज आना घरघराहट कहलाता है। यह आवाज तब पैदा होती है जब फेफड़ों की सांस लेने वाली नली सिकुड़ जाती हैं या उनमें किसी तरह की रुकावट आ जाती है। यह अस्थमा, एलर्जी, सीओपीडी, या फेफड़ों में इन्फेक्शन का एक सामान्य लक्षण है।

थकान और वजन कम होना
बहुत ज्यादा थकान और बिना किसी कोशिश के वजन कम होना भी लंग डैमेज का एक अहम संकेत हो सकता है। जब फेफड़े शरीर को पूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं दे पाते, तो शरीर की एनर्जी का स्तर गिरने लगता है, जिसके कारण लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है। साथ ही, शरीर को एनर्जी देने के लिए शरीर मांसपेशियों और फैट को तोड़ना शुरू कर देता है, जिससे वजन अनचाहे ही कम होने लगता है।

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