दिल्ली पर खतरा बरकरार, यमुना का जलस्तर 206.47 मीटर पहुंचा

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन खतरे के निशान से ऊपर है। जिससे राजधानी में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। शनिवार को यमुना नदी का जलस्तर 206.47 मीटर पर आ गया। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मयूर विहार, यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, और निगमबोध घाट जैसे क्षेत्रों में दिख रहा है।

पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर बीती पांच सितंबर को सुबह 7 बजे 207.33 मीटर दर्ज किया गया था, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर था। हालांकि, जलस्तर में थोड़ी कमी देखी गई और जो 8 बजे तक 207.31 मीटर पर आ गया। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर दिन के दौरान और कम हो सकता है।

यमुना में जलस्तर हुआ कम, खतरा बरकरार

यमुना के जलस्तर में शुक्रवार को 0.43 मीटर की गिरावट दर्ज की गई, जिससे डूब क्षेत्र का पानी कम होने लगा है। हालांकि शाम 6 बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर अब भी खतरे के निशान (205.33 मीटर) से करीब 2 मीटर ऊपर रहा, जिसके चलते पुल से रेल संचालन बंद है। शुक्रवार को 27 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं और 18 को डायवर्ट किया गया।

बर्बाद हो गईं फसलें

यमुना में उफान आने से न केवल लोग बेघर हुए हैं बल्कि किसानों की सारी फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में यमुना खादर, चिल्ला, पुराना उस्मानपुर, गढ़ी मांडू और सोनिया विहार के किसान यमुना का जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह फिर से खेतों में लौट सके और नई फसलें लगा सके। यमुना डूब क्षेत्र में किसान अधिकतर सब्जी की फसलें उगा रखे थे। इनमें बैंगन, भिंडी, लौकी, मूली, गाजर, टमाटर, गोभी, मटर, आलू, प्याज और मिर्च समेत अन्य फसलें शामिल थीं।

मयूर विहार बना टेंट सिटी

दिल्ली के मयूर विहार पल्ला क्षेत्र में आई बाढ़ के बाद फ्लाईओवर के नीचे सैकड़ों लोगों ने प्रशासन की ओर से लगाए गए टेंटों में बसेरा बना लिया है। सड़क किनारे तने इन टेंटों के बीच जिंदगी ने जैसे मजबूरी में ही सही मगर एक नया रंग पकड़ लिया है। राहत शिविरों में बच्चों के लिए अस्थायी स्कूल भी खोले गए हैं, ताकि बाढ़ के बावजूद भी बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला न रुक सके। साथ ही हेल्थ क्लीनिक भी बनाए गए हैं, जहां डॉक्टर लगातार बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की जांच कर दवाइयां भी दे रहे हैं।

बाढ़ पीड़ितों की हर जरूरत का ध्यान रख रहे : सीएम

बाढ़ पीड़ितों को सरकार, जनप्रतिनिधि व एनजीओ मदद करने में जुटे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर जरूरत का ध्यान रख रही है। राहत शिविरों में भोजन, पानी, दवाइयां और शौचालय की व्यवस्था है। किसानों के मवेशियों के लिए चारा भी मुहैया कराया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा व सुविधा में कोई कमी नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि स्थिति नियंत्रण में है। यमुना का जलस्तर अब कम हो रहा है। सरकार 24 घंटे हालात पर नजर रख रही है। सभी जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) प्रभावित इलाकों में मौके पर हैं जो पीड़ितों को राहत पहुंचाने में जुटे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने कैंप कार्यालय मुख्यमंत्री जनसेवा सदन से डिविजनल कमिश्नर और सभी डीएम के साथ ऑनलाइन बैठक की जिसमें राहत कार्यों की समीक्षा की गई और स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

बाढ़ प्रभावितों से मिले केजरीवाल

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को शास्त्री पार्क स्थित राहत कैंपों में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने कैंपों की हालत देखकर भाजपा सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हैं। लोग घर छोड़कर राहत कैंपों में रह रहे हैं लेकिन कैंपों में भोजन, पानी और मच्छरों से बचाव जैसी न्यूनतम सुविधाएं तक नहीं हैं।

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