मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के मराठाओं को मिलेगा आरक्षण’, जरांगे की जनता से अपील

मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को कहा कि मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के मराठा समाज को अब आरक्षण मिलेगा। उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और उनके फैसले पर भरोसा रखने की अपील की। मुंबई में पांच दिन की भूख हड़ताल खत्म करने के बाद छत्रपति संभाजीनगर लौटे जरांगे अब एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उन्हें डिहाइड्रेशन और कम ब्लड शुगर की वजह से उपचार मिल रहा है।
उन्होंने कहा, यह हमारी जीत है और इसका पूरा श्रेय मराठा समाज को जाता है। मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के मराठाओं को अब आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को सराकर ने जरांगे की अधिकतर मांगे मान लीं, जिनमें मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की बात भी शामिल है। इससे उन्हें ओबीसी आरक्षण के तहत शिक्षा और नौकरियों में लाभ मिलेगा।
आजाद मैदान में भाजपा के वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और समिति के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में जरांगे को जूस पिलाकर भूख हड़ताल खत्म की गई। जरांगे ने कहा, अब तक सरकार ने मराठाओं के पक्ष में एक लाइन भी नहीं लिखा था। जो लोग मेरे फैसले की आलोचना कर रहे हैं, उन्होंने मराठा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि लोग उनके फैसले को समझेंगे। उन्होंने कहा, मराठवाड़ा का कोई भी मराठा आरक्षण से वंचित नहीं रहेगा। गांव-गांव समितियां बनाई जाएंगी जो मराठाओं की कुनबी वंशावली की पुष्टि करने में मदद करेंगी।
जरांगे ने कहा, मराठा समाज खुश है, मैं भी खुश हूं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और उन्हें मिले आश्वासन पर भरोसा रखें। मंगलवार को सरकार ने हैदराबाद गजट पर आधारित एक सरकारी आदेश जारी किया और उन मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र देने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की, जो दस्तावेजों से अपने कुनबी होने का प्रमाण दे सकें।
उन्होंने राज्य मंत्री छगन भुजबल के कैबिनेट बैठक में शामिल होने पर भी तंज कसा और कहा कि इसका मतलब है कि वह समझदार नेता हैं। इसका मतलब यह भी है कि मराठा समाज को आरक्षण मिलने में कामयाबी मिली है। जरांगे ने यह भी दावा किया कि सरकारी आदेशको कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। जो याचिकाएं दाखिल की जाएंगी, वे खारिज हो जाएंगी, क्योंकि सरकारी आदेश सरकार के गजट पर आधारित है।