इस्राइल ने गाजा सिटी को युद्ध क्षेत्र घोषित किया

इस्राइल ने गाजा के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी को युद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया है। जैसे ही सेना ने लड़ाई फिर से शुरू करने की घोषणा की, स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अब तक गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 63,025 हो गई है। पिछले 24 घंटों में अस्पतालों ने 59 नई मौतों की सूचना दी।
इस्राइल ने गाजा के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी को युद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया है। शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) क्षेत्र से दो बंधकों के शव बरामद किए गए हैं। इस्राइली सेना ने यह कदम उस बड़े हमले की शुरुआत के रूप में उठाया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है। वहीं, बीते 22 महीनों से जारी संघर्ष में अब तक 63 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 159,490 लोग घायल हो चुके हैं।
जैसे ही सेना ने लड़ाई फिर से शुरू करने की घोषणा की, स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अब तक गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 63,025 हो गई है। पिछले 24 घंटों में अस्पतालों ने 59 नई मौतों की सूचना दी। वहीं, सहायता समूहों और लोगों को आश्रय देने वाले एक चर्च ने कहा है कि वे गाजा सिटी नहीं छोड़ेंगे और भूखे व बेघर लोगों की मदद जारी रखेंगे।
सेना ने शहर के बाहरी इलाकों में तेज किए हमले
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब इस्राइल ने कुछ हफ्ते पहले ही शहर में अपना अभियान तेज करने की योजना बनाई थी। इस शहर में लाखों लोग शरण लिए हुए हैं और भुखमरी का सामना कर रहे हैं। हाल के दिनों में सेना ने शहर के बाहरी इलाकों में हमले तेज कर दिए हैं। शुक्रवार सुबह दक्षिणी इस्राइल में सीमा पार धुएं के गुबार और जोरदार धमाकों की आवाजें साफ सुनाई दीं।
इस्राइल ने कहा गाजा सिटी हमास का गढ़
इस्राइल का कहना है कि गाजा सिटी हमास का गढ़ है और यहां सुरंगों का नेटवर्क अब भी सक्रिय है, जबकि इस इलाके पर लगभग 23 महीने से कई बड़े हमले हो चुके हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि 7 अक्तूबर 2023 जैसे हमले दोबारा न हों, इसके लिए हमास की ताकत को इस शहर में खत्म करना जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने सैन्य कार्रवाई की आलोचना की
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता समूहों ने इस सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है, लेकिन गाजा सिटी के लोगों का कहना है कि इससे उनके हालात में कोई फर्क नहीं पड़ा है। गाजा निवासी मोहम्मद अबूल हादी ने संदेश में लिखा, ‘नरसंहार कभी रुके ही नहीं, यहां तक कि मानवीय विराम के दौरान भी नहीं।’
कुत्तों की हालत हमसे बेहतर है: मोहम्मद मारूफ
कुछ लोग जो दक्षिण की ओर भागे, वे शुक्रवार को मध्य गाजा पट्टी में नुसेरात शरणार्थी शिविर के पास तंबू लगा रहे थे। मोहम्मद मारूफ ने अपने नौ सदस्यीय परिवार के साथ बने अस्थायी ठिकाने के बाहर अपनी खराब हालत का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमें सड़कों पर फेंक दिया गया है। क्या कहें? हम कुत्तों जैसे भी नहीं हैं। कुत्तों की हालत हमसे बेहतर है।’
पिछले 24 घंटों में कुपोषण से पांच लोगों की मौत
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 63,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार, मरने वालों में लड़ाकों और आम नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं किया गया है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों में कुपोषण से 5 लोगों की मौत हुई है। इस तरह युद्ध शुरू होने से अब तक भुखमरी से मरने वालों की संख्या 322 हो गई है, जिनमें 121 बच्चे शामिल हैं।
इस्राइल मंत्रालय के आंकड़ों से असहमत
यह मंत्रालय हमास द्वारा संचालित सरकार का हिस्सा है और इसमें चिकित्सा पेशेवर कार्यरत हैं। संयुक्त राष्ट्र और स्वतंत्र विशेषज्ञ इसके आंकड़ों को सबसे भरोसेमंद मानते हैं। हालांकि, इस्राइल इन आंकड़ों से असहमत है, लेकिन उसने अपने आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं।