इस्राइली हिंसा से नहीं टूटेगा सच का साथ देने वालों का हौसला

गाजा पर इस्राइल के हमलों में अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की मौत हो गई थी। इस्राइली सेना ने हमले में मरने वाले पत्रकार अनस अल शरीफ को हमास का आतंकी करार दिया था। इस मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने नेतन्याहू सरकार को घेरा है।

इस्राइल के हमले में अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की हत्या पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने नेतन्याहू सरकार को घेरा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की हत्या फलस्तीनी धरती पर किया गया जघन्य अपराध है। उन्होंने कहा कि जो लोग सच के लिए खड़े होने का साहस करते हैं, उनका हौसला इस्राइली हिंसा से कभी नहीं टूटेगा।

प्रियंका गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की निर्मम हत्या फलस्तीनी धरती पर किया गया एक और जघन्य अपराध है। ऐसी दुनिया में जहां अधिकांश मीडिया सत्ता और व्यापार का गुलाम है, इन बहादुर आत्माओं ने हमें याद दिलाया कि सच्ची पत्रकारिता क्या होती है? ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। प्रियंका गांधी गाजा में इस्राइल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और फलस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करती रही हैं।

अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की हुई थी मौत
गाजा पर इस्राइल के हमलों में अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की मौत हो गई थी। इस्राइली सेना ने एक पत्रकार अनस अल शरीफ को हमास का आतंकी करार दिया था। वहीं इस्राइल के इस कदम की पत्रकारों की सुरक्षा समिति ने निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने हमले की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया।

गाजा में काफी सक्रिय थे अनस: अल-जजीरा
पत्रकारों के कैंप पर हुए हमले की सूचना देते हुए अल-जजीरा ने कहा कि हमले में पत्रकार अनस अल-शरीफ अपने चार साथियों के साथ मारे गए। अपने साथियों की मौत की सूचना देते वक्त अल-जजीरा के एंकर भावुक हो गए। अल-जजीरा के मुताबिक अल-शरीफ गाजा में जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे। वह गाजा के हालात के बारे में रोज रिपोर्ट देते थे।

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