दिल्ली: फ्लाईओवरों की मरम्मत का काम शुरू, मिलेगी रफ्तार

बीते मार्च में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से गठित की गईं पांच टीमों ने 102 फ्लाईओवरों का सर्वे किया था। इस दौरान टीमों ने फ्लाईओवर की स्थिति, सफाई, टाइलिंग, पेंटिंग, लाइटिंग, अतिक्रमण, गड्ढे, मुख्य कैरिजवे या सेंट्रल वर्ज के पुनर्वास आदि से संबंधित रिपोर्ट तैयार की।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कई फ्लाईओवरों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। दिल्ली के करीब 17 फ्लाईओवर को मरम्मत करने की आवश्यकता है। सरकार की योजना 2005 से पहले के बने सभी फ्लाईओवर का सर्वे कराकर उनकी मरम्मत कराने की है। कई फ्लाईओवर ऐसे हैं, जिनके एक्सपेंशन ज्वाइंट व बेयरिंग खराब हो चुके हैं। इससे सामान्य तौर पर तो फ्लाईओवर में खराबी नहीं दिखती है, लेकिन जब वाहन इनके ऊपर से गुजरते हैं तो ज्वाइंट पर झटका लगता है।
बीते मार्च में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से गठित की गईं पांच टीमों ने 102 फ्लाईओवरों का सर्वे किया था। इस दौरान टीमों ने फ्लाईओवर की स्थिति, सफाई, टाइलिंग, पेंटिंग, लाइटिंग, अतिक्रमण, गड्ढे, मुख्य कैरिजवे या सेंट्रल वर्ज के पुनर्वास आदि से संबंधित रिपोर्ट तैयार की। प्राथमिकता और फंड की उपलब्धता के आधार पर मरम्मत का काम शुरू किया गया है। इसमें शाहदरा, लोनी रोड, नांगलोई, चिराग दिल्ली, ओखला,पुरानी दिल्ली में पुल मिठाई फ्लाईओवर समेत कई फ्लाईओवर के मरम्मत कार्य शुरू किया जा रहा है।
इसके साथ ही दक्षिण दिल्ली के तीन प्रमुख फ्लाईओवर आईआईटी फ्लाईओवर, ओल्ड राव तुला राम फ्लाईओवर और मोदी मिल फ्लाईओवर की व्यापक मरम्मत की जाएगी। एक पुलिया की मरम्मत और पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर में तीन नए पुलों का निर्माण भी प्रस्तावित है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि यह फ्लाईओवर 1994 में बने थे और लंबे समय से रखरखाव की कमी के कारण इनकी स्थिति चिंताजनक हो गई है।
इन फ्लाईओवर का भी मरम्मत कार्य होगा
अधिकारियों के अनुसार, एंड्रयूज गंज, गोकुलपुरी, जखीरा, तिलक नगर, ओल्ड पंजाबी बाग, राजा गार्डन व शादीपुर फ्लाईओवर को तत्काल मरम्मत की दरकार है। यह फ्लाईओवर दिल्ली के सबसे पुराने हैं। इनकी कई साल से मरम्मत नहीं हुई है। आम तौर पर मरम्मत कार्य में फ्लाईओवर की बियरिंग और ऊपरी कंक्रीट परत में बदलाव के साथ एक्सपेंशन जॉइंट को बदला जाता है। तापमान में बदलाव के कारण फ्लाईओवर पर कंक्रीट फैलता और सिकुड़ता है जिससे उसमें दरारें पड़ जाती हैं।