सिंगरौली में ASI और महिला पुलिसकर्मी पर रिश्वत खोरी का आरोप

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में पुलिस अधिकारी रिश्वतखोरी को अपना हक समझने लगे हैं.थाने में FIR दर्ज करते ही ये पुलिस अधिकारी पीड़ित से पैसों की डिमांड करने लगते हैं.हद तो तब हो जाती है जब सही काम के लिए भी ये पैसों की मांग करते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले के कोतवाली थाने से सामने आया है.पीड़ित ने इसकी शिकायत थाना प्रभारी से की है।

रिश्वत मांगने वाले पहले अधिकारी का नाम उमेश द्विवेदी है.ये साहब कोतवाली थाने में सहायक उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं.रिश्वत मांगने का काम साहब ने अकेले नहीं किया.बल्कि इस रिश्वतखोरी में साहब के साथ – साथ कोतवाली में ही पदस्थ एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. पीड़ित ने थाना प्रभारी को दिए आवेदन में इस महिला पुलिसकर्मी का नाम सोहागीया पटेल बताया है.पीड़ित नर्मदा प्रसाद शाह जिले के माजनखुर्द का रहने वाला है.29 अप्रैल को नर्मदा प्रसाद शाह और परिवार के लोगों का आपस में विवाद हो गया था.विवाद में मारपीट से उसे सर में चोट आई थी.इसी विवाद की शिकायत लेकर पीड़ित कोतवाली थाने पहुंचा था।

पीड़ित नर्मदा शाह की शिकायत पर कोतवाली थाने में तत्काल एफआईआर तो दर्ज कर ली गई.लेकिन जिस पुलिस अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई वह रिश्वखोर निकल गया.पीड़ित नर्मदा शाह के मुताबिक गवाही और बयान दर्ज करने के बहाने थाने बुलाकर महिला पुलिसकर्मी सोहागीया पटेल ने 3000 रुपए और ASI उमेश द्विवेदी ने 2500 रुपए ले लिए.लेकिन ASI साहब ठहरे बड़े अधिकारी.भला 2500 रुपये लेकर जांच कैसे शुरू करते.एक बार अतिरिक्त सुविधा शुल्क लेने के बाद उन्हें कोई दूसरी तरकीब भी समझ नहीं आ रही थी लिहाजा उन्होंने थाना प्रभारी के नाम पर भी 5 हजार रुपयों की डिमांड कर दी.फिर क्या था यहीं से मामला थोड़ा थोड़ा बिगड़ने लगा और पीड़ित नर्मदा प्रसाद शाह ने अगले दिन ASI साहब की इस डिमांड की भी शिकायत थाना प्रभारी से कर दी.

शिकायत के बाद पीड़ित नर्मदा प्रसाद शाह कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं.इस पूरे मामले में पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए.क्योंकि एक दो पुलिस कर्मियों ने अपनी जेब गरम करने के लिए विभाग की कार्यप्रणाणी पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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