पाक और चीन सीमा पर घुसपैठ और तस्करी होगी नाकाम

पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के ड्रोनों को नष्ट किए जाने में मिली सफलता के बाद भारतीय सेना नौ और लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने की तैयारी में है।

डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए ड्रोन सिस्टम

भारतीय सेना पहले ही विशेषरूप से पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते ड्रोन के खतरे को लेकर डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए सात इंटिग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम तैनात कर चुकी है।

पाकिस्तानी सेना के ड्रोन को हवा में नष्ट करने का माद्दा

अधिकारियों के अनुसार, जम्मू क्षेत्र की पीर पंजाल श्रृंखला में सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम से हाल ही में पाकिस्तानी सेना के ड्रोन को हवा में नष्ट करते हुए गिरा दिया था।

पाकिस्तानी से आने वाले ये ड्रोन चीन के होते हैं। पड़ोसी देश अक्सर इनका इस्तेमाल हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी के अलावा एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी के लिए करता है।

आतंकरोधी और घुसपैठ रोकने की क्षमता मजबूत होगी

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि इन नए लेजर एंटी-ड्रोन सिस्टम को रक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत किए गए आपातकालीन अधिग्रहण योजना के तहत खरीदा जा रहा है। इससे जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की आतंकरोधी और घुसपैठ रोकने की क्षमता मजबूत होगी।

दुश्मन ड्रोन को 800 मीटर दूरी गिरा देगा

यह नया सिस्टम दो किलोवाट के लेजर बीम से लैस है, जो दुश्मन ड्रोन को 800 मीटर से लेकर एक किलोमीटर दूर से ही गिरा सकता है।

लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम विकसित किया

भारत ने एक 30 किलोवाट क्षमता का और ताकतवर व विशाल लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम विकसित किया है, जो बड़े ड्रोन, विमान और यहां तक की क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट कर सकता है। यह अगले दो वर्षों के भीतर तैनाती के लिए तैयार हो जाएगा।

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