मध्य प्रदेश: गांधी मेडिकल कॉलेज में बनेगा प्रदेश का पहला पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी विभाग

राजधानी भोपाल में चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उपलब्धि जुड़ने जा रही है। गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रदेश का पहला पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी विभाग शुरू होने जा रहा है, जिससे बच्चों की जटिल न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज की सुविधा सुलभ होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस ऐतिहासिक फैसले को मंजूरी मिली है।
राजधानी भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में जल्द ही प्रदेश का पहला पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी विभाग शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिली। इसके साथ ही कॉलेज में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी और नियोनेटोलॉजी विभागों के लिए भी 12 प्राध्यापकों के नए पद स्वीकृत किए गए हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस विभाग में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक और सीनियर रेजिडेंट के पदों को स्वीकृति दी गई है। कुल 12 पदों को मंजूरी दी गई है, जिससे बच्चों की जटिल न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
राज्यभर में फैलेगा मॉडल
इस पहल को भविष्य में प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों तक विस्तार देने की योजना है। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि रीवा और ग्वालियर में पहले से ही पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी और नियोनेटोलॉजी विभाग कार्यरत हैं, लेकिन भोपाल में यह विभाग पहली बार स्थापित किया जा रहा है।
शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में आएगी कमी
सरकार का मानना है कि इन विभागों के सक्रिय संचालन से शिशु एवं मातृ मृत्युदर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकेगी। विशेष रूप से नवजात और कम उम्र के बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्य है।
सतना मेडिकल कॉलेज को भी मिली बड़ी सौगात
कैबिनेट बैठक में सतना चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़े चिकित्सालय के निर्माण कार्य के लिए 383.22 करोड़ रुपये की संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति भी दी गई है। पहले चरण का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे चरण में अस्पताल परिसर और भवन निर्माण का कार्य अब बढ़ी हुई लागत के अनुसार किया जाएगा।