सूर्य ग्रहण पर जरूर ध्यान रखें तुलसी से जुड़ी ये बातें, नहीं मिलेंगे बुरे परिणाम

शनिवार, 29 मार्च 2025 को यानी शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2025) लगने जा रहा है। इस दिन पर शनि देव राशि परिवर्तन भी करने जा रहे हैं। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर कुछ सावधानियां बरती जा सकती हैं। चलिए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी से संबंधित कुछ नियम।
क्यों है तुलसी का इतना महत्व
हिंदू शास्त्रों में यह वर्णन मिलता है कि ग्रहण की अवधि में सूतक काल लगने पर वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाओं का संचार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसके प्रभाव से कुछ चीजें अशुद्ध हो जाती हैं। वहीं तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और पूजनीय पौधा माना जाता है। ऐसे में ग्रहण काल में इसके पत्ते खाने में डालने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव उसपर नहीं पड़ता। यही कारण है कि ग्रहण की अवधि में तुलसी का इतना महत्व है।
जरूर करें सेवन
आयुर्वेद में भी तुलसी को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। ग्रहण काल की अवधि में बाद तुलसी के पत्ते का सेवन करना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी लाभकारी साबित होता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी के पत्ते का सेवन जरूर करें।
करें ये काम
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के खाने-पीने की मनाही होती है। ऐसे में अगर ग्रहण के दौरान खाने में तुलसी के पत्ते डाल देते हैं, तो इससे ग्रहण के प्रभाव को कम किया जा सकता है और इससे भोजन भी अपवित्र नहीं होता है। ग्रहण खत्म होने के बाद इस भोजन को खाया जा सकता है।
न करें ये गलती
इस बार सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लग रहा है। ऐसे में इस दिन पर भूलकर भी तुलसी में जल अर्पित न करें और न ही तुलसी के पत्ते तोड़ें। इससे आपको जीवन में नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। भोजन आदि में डालने के लिए आप तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही तोड़ कर रख सकते हैं।