अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस खारिज, पढ़ें पूरी खबर…

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार (27 मार्च) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को खारिज कर दिया है। राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य व्हिप जयराम रमेश ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
अमित शाह पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उच्च सदन में एक विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाया।
विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज को लेकर आरोप लगाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री पर सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।
जयराम रमेश ने क्या लगाया था आरोप?
जयराम रमेश ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस के शासन के दौरान, केवल एक परिवार का नियंत्रण था और कांग्रेस अध्यक्ष उसी परिवार का हिस्सा थीं। उन्होंने यह भी कहा कि शाह के बयान का अध्ययन करने पर यह स्पष्ट होता है कि हालांकि गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से उनका उल्लेख किया।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा था कि सदन के किसी भी सदस्य के प्रति अपमानजनक संदर्भ देना विशेषाधिकार का उल्लंघन है।” उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने बिना किसी आधार के आरोप लगाए हैं, जिसका उद्देश्य सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है।
अमित शाह ने क्या कहा था?
दरअसल मंगलवार को आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस के जवाब के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष बनाया गया था और इस सरकार के कार्यकाल के दौरान, पीएम केयर फंड शुरू किया गया। कांग्रेस के शासनकाल में इस फंड पर सिर्फ एक परिवार का नियंत्रण था।