ऑस्कर जीतकर लौटे फिलिस्तीनी निर्देशक पर हमला, आंख पर पट्टी बांकर उठा ले गई इजरायली सेना

ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री ‘नो अदर लैंड’ के सह-निर्देशक हमदान बलाल पर इजरायली लोगों (सेटलर्स) ने हमला कर दिया। इस हमले के बाद उन्हें इजरायली सेना ने हिरासत में ले लिया। यह घटना वेस्ट बैंक के सुसिया गांव में हुई, जहां बलाल समेत तीन फिलिस्तीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना की पुष्टि वकील लेआ त्सेमेल ने की है। वकील त्सेमेल के मुताबिक, बलाल और अन्य दो फिलिस्तीनियो को इजरायली सैन्य अड्डे पर रखा गया है, जहां उन्हें चिकित्सा सहायता दी जा रही है, लेकिन उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई है।
बसने वालों ने किया हमला, सैनिकों ने उठाया
फिल्म के एक अन्य सह-निर्देशक बासेल अद्रा ने बताया कि करीब 20 सेटलर्स गांव में घुस आए, जिनमें कुछ नकाबपोश थे, कुछ के पास हथियार थे और कुछ इजरायली सैनिकों की वर्दी में थे। उन्होंने कहा, “हम ऑस्कर से लौटे हैं और तब से रोजाना हम पर हमले हो रहे हैं। यह हमारी फिल्म बनाने की सजा जैसा लग रहा है।” इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने तीन फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया है, जो सैनिकों पर पत्थर फेंक रहे थे, और एक इजरायली नागरिक को भी हिरासत में लिया, जो झड़प में शामिल था। हालांकि, एपी द्वारा लिए गए चश्मदीदों के बयान सेना के दावे को खारिज करते हैं।
बलाल की पत्नी ने सुनी चीखें, खून के निशान मिले
बासेल अद्रा ने बताया कि घटना के दौरान बलाल के घर के बाहर फायरिंग की आवाज आई, और उनकी पत्नी ने उन्हें “मैं मर रहा हूं” चिल्लाते हुए सुना। कुछ देर बाद सैनिक उन्हें आंखों पर पट्टी बांधकर और हथकड़ी पहनाकर उठा ले गए। अद्रा के अनुसार, बलाल के घर के बाहर जमीन पर खून के निशान मिले।
कार्यकर्ताओं पर भी हमला
घटना के दौरान यहूदी अहिंसा केंद्र के कार्यकर्ताओं पर भी हमले हुए। कार्यकर्ता जोश किमेलमैन ने बताया कि नकाबपोश सेटलर्स ने पत्थर और डंडों से हमला किया, कार की खिड़कियां तोड़ीं और टायर फाड़ दिए ताकि वे वहां से भाग जाएं। कार्यकर्ताओं द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में नकाबपोश सेटलर को दो कार्यकर्ताओं को धक्का देते और मुक्का मारते हुए देखा गया।
“नो अदर लैंड” ने इस साल सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के लिए ऑस्कर जीता था। यह फिल्म मासफर यत्ता के निवासियों के संघर्ष को दर्शाती है, जो इजरायली सेना द्वारा उनकी बस्तियों को ध्वस्त करने के खिलाफ लड़ रहे हैं। फिल्म के दो फिलिस्तीनी निर्देशक, हामदान बल्लाल और बासेल अद्रा, मासफर यत्ता के निवासी हैं, और इसे दो इजरायली निर्देशकों, यूवल अब्राहम और रेचल स्ज़ोर के साथ मिलकर बनाया गया है।
वेस्ट बैंक में बढ़ रही हिंसा
इजरायल ने 1967 के युद्ध में वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था। फिलिस्तीनी इन इलाकों को अपने भविष्य के देश का हिस्सा मानते हैं, जबकि इजरायल ने वेस्ट बैंक में 100 से अधिक बस्तियां बसा दी हैं, जिनमें 5 लाख से अधिक इजरायली सेटलर्स रहते हैं। मासाफर यत्ता क्षेत्र को इजरायली सेना ने 1980 के दशक में सैन्य प्रशिक्षण क्षेत्र घोषित कर दिया था और वहां रह रहे फिलिस्तीनियों को बाहर जाने का आदेश दिया था। हालांकि, 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी अब भी वहां रह रहे हैं और उन्हें लगातार अपने घरों, जल स्रोतों और जैतून के पेड़ों के ध्वस्त होने का खतरा रहता है।
वेस्ट बैंक में 500,000 से अधिक इजरायली बस्ती वासी रहते हैं, जबकि 30 लाख फिलिस्तीनी इजरायली सैन्य शासन के अधीन जीवन जी रहे हैं। गाजा में चल रहे युद्ध के दौरान, वेस्ट बैंक में भी सैन्य अभियानों और बस्ती वासियों के हमलों में सैकड़ों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायली बलों ने वेस्ट बैंक में सैकड़ों फिलिस्तीनियों को मार डाला है और सेटलर्स द्वारा किए जा रहे हमलों में भी वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, फिलिस्तीनी हमलों में भी बढ़ोतरी हुई है।