राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ेगी तो कोई समस्या नही: सीएम योगी

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को रामनगरी पहुंचे। उन्होंने अपने दौरे का आगाज हनुमानगढ़ी में संकट मोचन के चरणों में हाजिरी लगाकर किया। यहां उन्होंने संतों से भी मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के चरणों में भी प्रणाम निवेदित किया। मुख्यमंत्री सबसे पहले गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज जी महाराज से मिले। इसके बाद मुख्यमंत्री यहां अन्य संतों से भी मिले और उनका हालचाल जाना। उसके बाद जनपद अयोध्या में शीतल पेय बॉटलिंग प्लांट के शुभारंभ हेतु आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएम योगी ने इस दौरान बड़ा बयान दिया। सीएम ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के सत्ता भी गवानी पड़े तो भी कोई समस्या नहीं है। हम यहां सत्ता के लिए नहीं राम मंदिर के लिए आएं हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को महर्षि नारद को उद्धृत करते हुए कहा कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह केवल राम हैं, राम पर लिखेंगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी। यहां साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र आयोजित एक साहित्घ्य उत्घ्सव को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में सूर्यवंश की परंपरा में एक अवतार के रूप में मानवीय मर्यादा और आदर्श के सर्वोत्तम स्वरूप प्रभु श्री राम हैं जिनकी पावन धरा पर आयोजित यह सम्मेलन अदभुत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘मैं अद्भुत इसलिए कहूंगा कि इतने वर्षों तक अयोध्या मौन रही, जबकि यह सत्य है कि जिसने राम पर लिखा वह महान हुआ। उन्होंने कहा कि महर्षि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को प्रेरणा दी कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह केवल राम हैं, राम पर लिखोगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ अयोध्या भारत के सनातन धर्म की एक आधारभूमि है।

सप्तपुरियों में प्रथम पुरी है। सनातन काल से ही सनातन धर्म की प्रेरणा स्थली रही है। उन्होंने कहा कि भगवान ऋषभदेव से चली परंपरा, जिसके तहत भगवान मनु ने पृथ्वी पर मनुष्य के रहने की व्यवस्था तय की, जिसे आप मानव धर्म कह सकते हैं, उसकी शुरुआती भूमि अयोध्या है। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावहारिक संस्कृति पर दुनिया का पहला महाकाव्य रामायण बना जो साहित्य का आधारभूमि है तथा आप वैदिक संस्कृति से व्यावहारिक संस्कृति में आ गये। उन्होंने कहा व्यावहारिक संस्घ्कृति से कैसे अपनी लेखनी को धन्य करना है, यह सीखना है तो महर्षि वाल्मीकि के शरण में जाएं, जिन्घ्होंने राम को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना कर डाली, उससे पहले उस प्रकार का महाकाव्य किसी ने नहीं रचा।

योगी का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम उसकी आत्मा बने, अयोध्या उसका आधार बनी तो साहित्य की एक नयी विधा का सृजन हो गया। फिर यह आमजन के लिए लोकप्रिय हुई और केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर भाषा में रामायण और रामचरितमानस किसी न किसी रूप में हृदय को जरूर छू रही है। इस समारोह में अयोध्या के प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पद्मश्री मालिनी अवस्घ्थी समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker