पीडीए को लेकर अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच जुबानी जंग तेज

लखनऊ, उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सोमवार को ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को लेकर फिर जुबानी जंग तेज हो गयी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान ‘पीडीए’ का नारा देकर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को एक साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की थी और उनकी पार्टी को इसका लाभ मिला।

अखिलेश यादव ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पीडीए 90 फीसदी जनता की एकता का नाम है। पीडीए संविधान और आरक्षण की ढाल है।’’ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा की नकारात्मक राजनीति समाज में संकट और दूरियां पैदा करने की रही है।’’ यादव ने कहा, ‘‘भाजपाइयों ने एंग्लो-इंडियन का आरक्षण समाप्त किया, किसानों को परेशान करने के लिए काले कानून लाए, नोटबंदी से हर नागरिक को परेशान किया, जीएसटी से छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और कारोबारियों को परेशान किया, धर्म-जात की विभेदकारी नफरत की राजनीति की और अब वक्फ की सियासत।

सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘दरअसल भाजपा को ये डर है कि उनका जो भी पांच-दस प्रतिशत कट्टर समर्थक है, उसे कैसे खुश करके बचाया-बनाया जा सके नहीं तो भाजपा के लिए एक-दो सीट के भी लाले पड़ जाएंगे।’’ वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी, आप मुझे गाली दें या अपमान करें, लेकिन मैं आपके लिए हमेशा आदरसूचक शब्दों का ही उपयोग करूंगा।’’ मौर्य ने कहा, ‘‘परंतु याद रखें, आपके अपमान और तुष्टीकरण की राजनीति का जवाब उत्तर प्रदेश की जनता देगी।

पिछड़े वर्ग और गरीब आपकी साइकिल पंचर कर सपा को ‘समाप्तवादी पार्टी’ बना देंगे।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि आपको कभी भी कोई मजबूत पिछड़ा नेता सहन नहीं होता। आपका ‘पीडीए’ (परिवार डेवलपमेंट एजेंसी) केवल धोखेबाजी है। अगर आप वास्तव में छत्रपति शिवाजी महाराज के समर्थक होते, तो औरंगजेब का महिमामंडन करने वाला विधायक अबू आजमी अब तक सपा से बाहर होता।

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