UPSC परीक्षा में EWS को दें आयु सीमा में 5 साल की छूट, 9 अटेंप्ट की अनुमति: MP हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लोगों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को निर्देश दिया कि वह ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट के साथ सिविल सेवा परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की अनुमति दे और उन्हें अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों की तरह नौ अटेंप्ट (प्रयास) की अनुमति दें।

हालांकि, इन उम्मीदवारों के परिणाम अदालत के अंतिम फैसले के अधीन होंगे, यह आदेश चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सुरेश जैन की पीठ ने 14 फरवरी को दिया है। मध्य प्रदेश के मैहर शहर के याचिकाकर्ता आदित्य नारायण पांडे ने सवाल उठाया है कि ईडब्ल्यूएस आवेदकों को अन्य आरक्षित वर्गों की तरह उम्र में छूट और अटेंप्ट की संख्या में समान लाभ क्यों नहीं मिलता है।

टीओआई के अनुसार, यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2025 के लिए 979 पदों के लिए एड दिया है और प्रीलिम्स (प्रारंभिक परीक्षा) 25 मई को है। याचिका में तर्क दिया गया है कि ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों की तरह समानता मिलनी चाहिए और पात्रता मानदंड के मामले में उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आरक्षित वर्गों जैसे एससी/एसटी/ओबीसी/शारीरिक रूप से दिव्यांग उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में पांच साल की छूट और 9 अटेंप्ट मिलते हैं।

केंद्र और यूपीएससी के वकील ने याचिका पर आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा, ‘चूंकि फॉर्म भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है, इसलिए हम याचिकाकर्ता को इसके लिए आवेदन करने की अनुमति देना उचित समझते हैं। यूपीएससी को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता के साथ-साथ सीएसई-2025 के लिए अन्य सभी समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के आवेदन को मौजूदा योग्यता या आयु के संदर्भ के बिना स्वीकार करे। आवेदन आज (14 फरवरी) से सात दिनों तक ऊपर बताई शर्तों पर स्वीकार किए जाएंगे और इस अदालत के आदेशों के अधीन होंगे। हालांकि, ऐसे उम्मीदवारों की नियुक्ति के आदेश, अदालत की अनुमति के बिना जारी नहीं किए जाएंगे।’ अब इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

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