स्कूटी के लिए टेंडर नहीं, अपनी पसंद से गाड़ी लें छात्र-छात्रा, मोहन यादव का ऐलान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि मेधावी विद्यार्थियों के लिए सरकार की तरफ से जो स्कूटी दी जा रही है, उसके लिए कोई टेंडर (ठेका) नहीं निकलेगा। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि मेधावी छात्र-छात्राएं अपनी पसंद की स्कूटी सीधे ले सकेंगे चाहे वो पेट्रोल या इलेक्ट्रिक हो। यह बयान कांग्रेस के उस आरोप के बाद आया है कि जिसमें विपक्षी दल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने अब तक स्कूटी बांटने के लिए टेंडर नहीं किया है। मोहन यादव ने बुधवार को 10 छात्र-छात्राओं को स्कूटी देकर इस योजना की औपचारिक शुरुआत की थी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया था कि राज्य बोर्ड की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करने वालों को राज्य सरकार तोहफे में स्कूटी देगी। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 2023-24 की 12वीं बोर्ड की परीक्षा में कुल 7900 छात्र-छात्राओं को इस योजना के लिए चुना गया है। कांग्रेस ने एक्स पर एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि अब तक मात्र 50 विद्यार्थियों को स्कूटी मिली है जबकि बाकी को सिर्फ मंजूरी का पत्र मिला है क्योंकि स्कूटी बांटने के लिए टेंडर ही नहीं हुआ है।

सीएम मोहन यादव ने कहा- “मुझे खुशी है कि राज्य भर में मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी मुहैया कराने से बढ़िया माहौल है। कुछ लोगों ने भ्रम फैलाया है कि टेंडर के बाद स्कूटी दी जाएगी। कोई टेंडर नहीं होगा। विद्यार्थियों को सीधे उनकी पसंद की पेट्रोल या ई स्कूटी दी जाएगी। मुझे उम्मीद है कि विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठाएंगे और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे। इसके अलावा हम व्यवस्था कर रहे हैं कि इसी तरह विद्यार्थियों को लैपटॉप भी जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाए।”

विधानसभा में विपक्ष के नेता उमग सिंघार ने कहा है कि कोई भ्रम नहीं फैला रहा है बल्कि सरकार को विद्यार्थियों के किए अपने वादे निभाने चाहिए। उमंग ने कहा कि राज्य के बजट में मेधावी बच्चों को स्कूटी बांटने का कोई प्रावधान नहीं था। जब हमने यह सवाल उठाया तो सरकार की नींद टूटी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के तौर पर हम ये चाहते हैं कि सरकार अपने वादों पर अमल करे।

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