नोएडा में नई एसआईटी करेगा अतिरिक्त मुआवजा घोटाला की जांच
नोएडा, नोएडा के गेझा तिलपताबाद, भूड़ा समेत तीन गांवों के अप्रात्र किसानों को नोएडा प्राधिकरण द्वारा करोड़ों रुपए का मुआवजा देने के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान कर दो माह के अंदर जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने का निर्देश दिया है। सु्प्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने जिन तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित की है, उनमें अतिरिक्त डीजीपी एसबी शिराडकर, सीबीसीआईडी के आईजी मोदक राजेश डी. राव और डीआईजी हेमंत कुटियाल शामिल हैं। इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में एसआईटी नोएडा प्राधिकरण आ सकती है।
जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए विशेष जांच दल का गठन किया। शीर्ष अदालत ने किसानों के अवैध तरीके से मुआवजे का भुगतान करने से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी नोएडा प्राधिकरण के विधि सलाहकार और एक विधि अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने कहा कि यह मामला कुछ भूस्वामियों को अपनी जमीन के बदले मुआवजे की भारी भरकम रकम का भुगतान करने से संबंधित है, जो कथित तौर पर अपनी अधिगृहीत भूमि के लिए इतनी अधिक रकम पाने के हकदार नहीं थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच के दौरान सामने आने वाले अन्य मुद्दों की भी पड़ताल कर सकती है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त मुआवजा पाने वाले लाभार्थियों, किसानों और भूस्वामियों को बिना उसकी अनुमति के दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। पुरानी एसआईटी ने 117 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही प्रदेश सरकार ने बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन हेमंत राव की अध्यक्षता में सितंबर 2023 में एसआईटी गठित की थी।